सोलन: शूलिनी विश्वविद्यालय में एक साहित्य महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें साहस और नवीनतम लेखकों को सम्मानित करने के उद्देश्य से पल्लवी सरस्वतुला मेमोरियल अवार्ड के विजेताओं की घोषणा भी हुई और उन्हें सम्मानित भी किया गया. यह सम्मान पल्लवी सारस्वतुला की स्मृति का सम्मान करता है. एक युवा महिला, जिनका 2023 साहित्य फेस्ट में शूलिनी के मंच पर भाग लेने के ठीक दो महीने बाद कैंसर के कारण असामयिक निधन हो गया, ने कई जिंदगियों को छुआ था. पल्लवी की विरासत उनके उल्लेखनीय योगदान और सह-लिखित पुस्तक ‘डोंट आस्क मी हाउ आई एम डूइंग’ जिसमें कैंसर से बचे युवा लोगों और देखभाल करने वालों की सामूहिक यात्रा को दर्शाया गया है, से जीवित है. प्रियदर्शनी नरेंद्र और अनीशा मोटवानी को पल्लवी सारस्वतुला मेमोरियल पुरस्कार के लिए चुना गया.
यामिनी प्रशांत को उनके आत्मनिरीक्षण कविता संग्रह ‘फूड फार थाट’ के लिए विशेष उल्लेख मिला. यह संग्रह मानसिक स्वास्थ्य संघर्ष और व्यक्तिगत विकास की खोज है. पुरस्कार ने नामकला चैपगैन, कामायनी, साची ढिल्लों और अंकिता श्रीवास्तव जैसे नामांकित व्यक्तियों के प्रभावशाली योगदान को भी स्वीकार किया. इन लोगों के साहित्यिक प्रयासों ने सांस्कृतिक अन्वेषण, महिला पहचान, साहसिक कार्य और रूढ़िवादिता को तोड़ने जैसे विषयों को शामिल किया. ट्रस्टी और साहित्य महोत्सव के निदेशक डा आशु खोसला ने महिला लेखकों के साहस और कथात्मक शक्ति को सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम की प्रतिबद्धता पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि शूलिनी लिटरेचर फेस्टिवल पल्लवी जैसी आवाज़ों को सम्मानित करने के लिए समर्पित है, जो कहानी कहने के माध्यम से प्रेरित और सशक्त बनाती हैं.