सहरसा: स्थानीय रेडक्रास भवन सभागार में संस्कृति मिथिला ने मैथिली-हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार डा मनोरंजन झा को याद किया. संस्था ने शिक्षा, साहित्य एवं मैथिल समाज में अपना विशेष स्थान रखने वाले डा झा की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा कुलानंद झा, संस्कृति मिथिला के अध्यक्ष रामकुमार सिंह, भूमि सुधार उप समाहर्ता ललित कुमार सिंह, सुरेंद्र झा गोपाल एवं डा रंजीत कुमार सिंह थे. सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से डा झा के तैल चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस अवसर पर भूमि सुधार उप समाहर्ता ललित कुमार सिंह ने कहा कि मनोरंजन बाबू ने शिक्षा, साहित्य, समाज में साहित्यकार और कलाकार के रूप में जो अमिट छाप छोड़ी उसे भूलाया नहीं जा सकता.
सिंह ने कहा कि झा को स्मरण रखने के लिए तथा नई पीढ़ी तक उनके विचार, लेखन और संदेश को पहुंचाने के लिए उनकी कृतियों को हस्तगत कराने के साथ-साथ स्मारिका, पुरस्कार और स्मारक निर्माण की अति आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि साहित्यिक रचना में डा झा द्वारा जो शब्द शैली और शब्द उपस्थापना की है वह अद्भुत है. उनकी सभी रचनाओं की अभिनंदन ग्रंथ के रूप में उपस्थापना जरूरी है. मुख्य अतिथि डा कुलानंद झा ने कहा कि मनोरंजन झा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उनका बहुआयामी व्यक्तित्व एक शिक्षक, छात्र, शिक्षक नेता, जनवादी और मैथिली साहित्यकार के रूप में सबसे अलग था, और इसी ने उनकी ओर लोगों को आकर्षित किया. कार्यक्रम में सत्यप्रकाश झा, कुमार विक्रमादित्य, शंभू सहित बड़ी संख्या में झा के प्रशंसक मौजूद थे.