छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में होली की अलमस्ती के बीच कवि सम्मेलनों का होना आम बात है. ऐसी ही परंपरा राज्य के छिंदवाड़ा शहर में भी है. होली के पावन पर्व पर यहां आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन की यह 69वीं कड़ी थी. कवि सम्मेलन का आयोजन श्री सुगम मानस मंडल छिंदवाड़ा करता रहा है. लगातार 69 सालों से चल रहे इस कवि सम्मेलन में देश के जाने-माने कवि शामिल होते हैं. इस बार नई दिल्ली के कवि प्रवीण शुक्ला, खरगोन के कवि डाक्टर शुभम सिंह मनहर, उदयपुर की कवयित्री दीपिका माही, उत्तर प्रदेश के कानपुर के कवि जोहर कानपुरी, शाहजहांपुर के कवि दिनेश देसी घी, इटावा के गौरव चौहान, और राजस्थान के कवि सिकरवार ने स्थानीयता के पुट के साथ शृंगार और होली शानदार कविताएं सुनाईं.
प्रवीण शुक्ला ने अयोध्या में रामलला के विराजमान होने पर अपने अंदाज में एक कविता सुनाई, तो सोशल मीडिया से प्रभावित हो रहे युवा और युवतियों को लेकर भी खूब तंज कसे. शुक्ला ने देश की राजनीति और वर्तमान हालातों पर एक तथ्यात्मक गीत सुनाया, जिसमें सभी भ्रष्टाचारियों को तिहाड़ जेल भेजने के साथ ही धारा 370 को हटाकर कश्मीर को 70 वर्षों बाद वापस पाने जैसी स्थितियों का ऐसा तर्क पूर्ण बखान किया गया कि वहां मौजूद श्रोताओं के साथ ही मंचासीन कवियों ने भी खूब तालियां पीटी. कवि दिनेश देशी घी ने मां के स्वरूप को लेकर दिल छू जाने वाली कविता सुनाई. कुल मिलाकर पूरा आयोजन ही राष्ट्रवादी माहौल और होली की रंगत से सराबोर रहा.