शिमला: भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा किकली चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में बाल साहित्य उत्सव का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बाल साहित्य लेखिका रूपा पाई तो विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्टूनिस्ट उदय शंकर उपस्थित रहे. कार्यक्रम का शुभारंभ इन अतिथियों और भाषा एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर, निदेशक डाक्टर पंकज ललित, संयुक्त निदेशक मनजीत शर्मा तथा पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्रीनिवास जोशी द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ. कंवर ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए छात्रों से पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें भी पढ़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अच्छी, प्रेरणादाई पुस्तक पढ़ते रहने से ही विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास संभव हो पाएगा तथा आने वाले समय में समाज को एक नई दिशा मिल पाएगी. बाल साहित्य उत्सव के प्रथम सत्र में बाल साहित्य लेखिका रूपा पाई द्वारा लिखित पुस्तक ‘द योग सूत्र‘ की समीक्षा हुई, जिसमें हीरेन, पृथा डोगर, रिदिमा शर्मा तथा शालिनी शर्मा ने पुस्तक में विवेचित बिंदुओं को उजागर किया. वक्ताओं का कहना था कि यह पुस्तक युवाओं के लिए बहुत ही प्रेरणादाई है. इसमें योग साधना, चित्तशुद्धता, प्राणायाम इत्यादि का उल्लेख किया गया है. सत्र में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी व लेखक-रंगकर्मी श्रीनिवास जोशी ने माडरेटर की भूमिका निभाई. दूसरे सत्र में बाल काव्य पाठ का आयोजन हुआ, जिसमें युवा कवि वंशिका, सारिका, साक्षी राणा, वेदांश वर्मा, आहना, तन्नवी, विशाली शर्मा, आदित्य, एकता सोनी, नव्या, तन्नवि कोंडल, इशिता तथा आशिमा गौतम ने स्वरचित कविता पाठ किया. इस सत्र की अध्यक्षता लेखिका व रंगकर्मी भारती कुठियाला ने की.
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में प्रदेश के सुप्रसिद्ध कहानीकार-लेखक सुदर्शन वशिष्ठ की पुस्तक ‘हिमाचल की लोक कथाएं‘ पर शिवानी तथा आंचल ने अपने विचार साझा किए. इस सत्र में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डा भवानी सिंह ने माडरेटर की भूमिका निभाई. उन्होंने छात्र-छात्राओं और युवाओं से अपील की कि वे सुदर्शन वशिष्ठ की लोक कथाओं को पढ़ने के साथ-साथ अपनी लोक संस्कृति को सुरक्षित रखने का भी काम करें. चौथे सत्र में लेखक सुमित राज की पुस्तक ‘शिमला बाजार‘ पर भूमिका ठाकुर, प्रियंका तथा आयुषी वर्मा ने अपने विचार साझा किए. इस सत्र में लेखिका उषा बंदे ने माडरेटर की भूमिका निभाई. कार्यक्रम के पांचवें और अंतिम सत्र में स्कूली छात्र-छात्राओं की भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 20 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की. भाषण प्रतियोगिता में प्रोफेसर नीना जैन, सहायक प्रोफेसर वनिता सुपैया तथा डाक्टर सपना चंदेल ने निर्णायक की भूमिका निभाई. इस अवसर पर किकली चेरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष वंदना भागड़ा तथा अन्य सदस्य, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी केआर भारती, भाषा एवं संस्कृति विभाग की उप निदेशक कुसुम संघाइक, जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा, भाषा अधिकारी संतोष पटियाल तथा दीपा शर्मा सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.