नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी ने विश्व कविता दिवस पर बहुभाषी कविता पाठ का आयोजन किया, जिसमें अंग्रेजी, हिंदी, मैथिली, पंजाबी और संस्कृत भाषाओं के कवियों ने भाग लिया. सर्वप्रथम अम्लान ज्योति गोस्वामी ने अंग्रेजी में कविताएं प्रस्तुत की. उनकी कविताएं स्मृतियों पर आधारित कविताएं थीं, जिसमें उनके गांव का तालाब था तो दिल्ली के दरीबा की चाट भी थी. उन्होंने प्रकृति को चिन्हित करते हुए भी कुछ कविताएं प्रस्तुत कीं. नवनीत नीरव ने हिंदी में अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं. उनकी कविताओं के शीर्षक थे ‘कुछ गुमशुदा सामान‘, ‘समय‘, ‘अकेलापन‘ और ‘मन गीला नहीं होता‘.
नीरव की कविताओं में अतीत और स्मृतियों का सुंदर और सार्थक आदान-प्रदान दिखा. मैथिली में भावना झा ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं, जो स्त्रियों के वन पर ही केंद्रित थी और उनके विभिन्न विमर्शों को सामने लाती थी. पंजाबी के युवा कवि करनजीत सिंह कोमल ने अपनी कविताओं में पंजाब की खुशबू बिखेरी. ‘अचानक‘, ‘आवाज के झुमके‘ आदि में आज के समाज के विभिन्न संदर्भ को प्रस्तुत किया. संगीता शर्मा ने संस्कृत भाषा की कविताएं प्रस्तुत की और उसमें नारी जीवन के भेदभाव की बानगी, उनकी पीड़ा और आक्रोश जाहिर हुआ. कार्यक्रम का संचालन उप सचिव प्रकाशन एन सुरेश बाबु ने किया. कार्यक्रम के आरंभ में सभी कवियों का स्वागत अंगवस्त्रम पहना कर किया गया.