नई दिल्ली: “आइए, हम भारत पर एक सृजन अभियान चलाएं. आइए, हम भारत की कहानियों, संस्कृति, विरासत और परंपराओं को पूरी दुनिया के सामने लाएं. आइए, हम भारत का निर्माण करें और विश्व का निर्माण करें.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत मंडपम में पहला राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार प्रदान करते हुए यह बात कही. उन्होंने विजेताओं के साथ संक्षिप्त बातचीत भी की और कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार‘ कहानी कहने, सामाजिक बदलाव का वकालत करना, पर्यावरणीय स्थिरता, शिक्षा और गेमिंग सहित अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता और उसके प्रभाव को सम्मानित करने का एक प्रयास है. इस पुरस्कार की कल्पना रचनात्मकता के जरिए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक लॉन्चपैड के रूप में की गई है. क्रिएट आन इंडिया मूवमेंट की शुरुआत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आइए हम भारत से जुड़ी कहानियों को, भारत की संस्कृति को, भारत की विरासत और परंपरा को पूरी दुनिया से शेयर करें. हम भारत की अपनी कहानी सबको सुनाएं. आप ऐसा कंटेंट क्रिएट करिए जो आपके साथ ही आपके देश, हम सबका देश भारत को भी ज्यादा से ज्यादा लाइक्स दे. और इसके लिए हमें ग्लोबल आडिएअंस को भी इंगेज करना होगा. दुनिया की यूनिवर्सिटीज के साथ, दुनिया के नौजवानों के साथ जुड़ना होगा. आज पूरी दुनिया में लोग भारत के बारे में जानना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपमें से कई लोग विदेशी भाषाओं को जानते हैं, नहीं जानते हैं तो एआई की मदद से काम हो सकता है. कुछ लोग सीख भी सकते हैं. आप ज्यादा से ज्यादा यूएन लैंगवेज में, जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश जैसी लैंगवेज में कंटेंट बनाएंगे तो आपकी और भारत की भी रीच बढ़ेगी. हमारे अड़ोस पड़ोस के देश हैं उनकी भाषाओं में हम कुछ करें हमारी एक अलग पहचान बनेगी. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि बदलते समय और नए युग के आगमन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना देश की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि देश आज पहले राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कारों के साथ उस जिम्मेदारी को पूरा कर रहा है. प्रधानमंत्री ने भविष्य का पहले से विश्लेषण करने की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार नए युग को उसकी शुरुआत से पहले ही पहचान दे रहे हैं.” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार आने वाले समय में नये युग को ऊर्जा देकर और युवाओं की रचनात्मकता तथा दैनिक जीवन के पहलुओं के प्रति संवेदनशीलता का सम्मान करते हुए एक मजबूत प्रभाव स्थापित करेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार सामग्री रचनाकारों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत बनेंगे और उनके काम को एक पहचान दिलाएंगे. प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और बहुत कम समय में प्रतियोगियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना भी की. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस आयोजन के लिए 2 लाख से अधिक रचनात्मक लोगों का जुड़ाव देश के लिए एक पहचान बना रहा है.