नई दिल्ली: भारत सरकार ने विद्यार्थियों को अपनी भाषा में अध्ययन करने का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विद्यालय और उच्च शिक्षा के अंतर्गत सभी पाठ्यक्रमों के लिए अध्ययन सामग्री संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है . शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में सभी विद्यालयों और उच्च शिक्षा नियामकों जैसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जैसे आईएनआई के प्रमुखों को अगले तीन वर्षों में भारतीय भाषाओं में सभी पाठ्यक्रम सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
उपरोक्त दिशा-निर्देश हर स्तर पर शिक्षा में बहुभाषावाद को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को लागू करने के लिए किए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों को अपनी भाषा में अध्ययन करने का अवसर मिल सके और सीखने के बेहतर परिणाम मिल सकें. अपनी भाषा में अध्ययन करने से विद्यार्थी को बिना किसी भाषाई बाधा के नवोन्वेषी ढंग से सोचने का स्वाभाविक अवसर मिल सकता है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इस विचार को दृढ़ता से व्यक्त करता है कि भारत की बहुभाषी प्रकृति इसकी विशाल संपत्ति और शक्ति है जिसे राष्ट्र के सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए कुशलतापूर्वक उपयोग करने की आवश्यकता है. स्थानीय भाषाओं में सामग्री निर्माण से इस बहुभाषी संपत्ति को प्रोत्साह मिलेगा और वर्ष 2047 तक हमारे देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए ‘विकसित भारत‘ में इसके बेहतर योगदान का मार्ग प्रशस्त होगा.