अररिया: फारबिसगंज शहर स्थित प्रोफेसर कालोनी के पीडब्लूडी के प्रांगण में इंद्रधनुष साहित्य परिषद द्वारा बाल साहित्यकार हेमंत यादव की अध्यक्षता में विश्व हिंदी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए संस्था के संस्थापक सचिव विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि 10 जनवरी 1975 को पहली बार विश्व हिंदी दिवस के नाम से एक सम्मेलन नागपुर महाराष्ट्र में आयोजित किया गया था. जिसमें विश्व के 22 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. तब से इस दिन को पूरे विश्व में हिंदी दिवस के रूप में मान्यता मिली है.
हिंदी के सम्मान से जुड़ी यह एक बड़ी घटना थी, जिसका उत्सव अब हर वर्ष मनाया जाता है. सभा की अध्यक्षता कर रहे हेमंत यादव ने कहा कि विश्व हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पूरे विश्व में हिंदी को मान्यता दिलाना और इसका प्रचार प्रसार करना है. यह एक अच्छी बात है कि आज पूरा विश्व धीरे-धीरे ही सही हिंदी को उसका यथोचित सम्मान दे रहा है. इस मौके पर सुरेंद्र प्रसाद मंडल ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने विदेशों में पहली बार 10 जनवरी 2006 को विश्व हिंदी दिवस मनाया था. इसके बाद हर साल यह दिवस भारतीय दूतावासों में मनाया जाता है. इस अवसर पर निशा पाठक तथा सुनील कुमार दास ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया. कार्यक्रम का संचालन मनीष राज ने किया.