देहरादून: “देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है.” यह बात राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय कौलागढ़ रोड पर स्थित बीआर अम्बेडकर स्टेडियम में पर्वतीय सरोकारों के लिए समर्पित हिमगिरि सोसाइटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘हिमगिरी महोत्सव-2024′ का शुभारम्भ करते हुए कही. इस दौरान मुख्यमंत्री की ओर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में डा दिनेश कुमार असवाल, चित्रकला के क्षेत्र में प्रो शेखर चंद्र जोशी और पर्यावरण के क्षेत्र में सचिदानंद भारती को ‘हिमगिरि गौरव सम्मान-2024′ और हिमगिरि के संस्थापक सदस्य दिनेश कुमार पांडे को तेल एवं गैस अन्वेषण के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिये लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान कर आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने तथा सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करते हैं.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच उपलब्ध होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है. उन्होंने संगठनों के महत्त्व पर बल देते हुए कहा कि संगठन चाहे वह सामाजिक हो, साहित्यिक हो या सांस्कृतिक हो, उसमें बड़ी शक्ति होती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हम आगे बढ़ रहे हैं. हमें भारत को पुनः विश्व गुरू के पद पर आरूढ़ करने के लिए हर परिस्थिति को पार करना है. श्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के ‘विकल्प रहित संकल्प‘ को प्राप्त करने हेतु अपने प्रयास निरंतर जारी रखने होंगे. मुख्यमंत्री ने सभी का आह्वान किया कि हमारे ये सभी प्रयास तभी सफल होंगे जब हम सब आपसी सहयोग से राज्य के विकास में अपना योगदान देंगे. इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, अध्यक्ष उत्तराखण्ड श्रम संविदा बोर्ड कैलाश पंत, सोसाइटी के अध्यक्ष गोपाल जोशी, सचिव आशीष चौहान, संदीप सिंह बिष्ट,एल मोहन लखेड़ा, देवेन्द्र बिष्ट, शोभा नेगी,विजय मधुर,मनमोहन नेगी, परमेश उनियाल,आर जे काव्या, मातबर सिंह असवाल आदि उपस्थित थे.