पटना: स्थानीय गांधी मैदान में लगे सीआरडी पटना पुस्तक मेले में पाठकों, लेखकों और प्रकाशकों की उपस्थिति देखते ही बन रही है. युवाओं के उत्साह को देखते हुए कई राजनेता भी अपनी उपस्थिति वहां दर्ज करा रहे हैं. बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव भी पुस्तक मेला में पहुंचे. वहां वे कई पुस्तक स्टाल पर घूमे और दर्जनभर से अधिक किताबें खरीदी. आम लोगों के लिए 20 रुपए इंट्री फीस होने के बावजूद उनमें उत्साह है. स्कूली बच्चे और छात्र-छात्राओं का प्रवेश निःशुल्क है. इस बार युवाओं को प्रेरित करने के लिए स्त्री नेतृत्व के नाम पर प्रभावती देवी मुख्य द्वार, शारदा सिन्हा थियेटर, मीरा कुमार मंच, बउआ देवी आर्ट गैलरी, लेफ्टिनेंट कमांडर शिवांगी सिंह मंच और श्रेयसी सिंह प्रशासनिक भवन आदि नाम रखे गए हैं. यहां बुक स्टाल पर हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और मैथिली की किताबें मौजूद हैं. मशहूर साहित्यकार, लेखकों, बिहार के लेखकों की किताबों के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं, दसवीं-12वीं के बच्चों के लिए प्रैक्टिस पेपर, संविधान से जुड़ी किताबें भी उपलब्ध हैं. पटना पुस्तक मेला फिल्म फेस्टिवल के तहत वृत्तचित्र और लघु फिल्में भी दिखाई जा रही हैं. किसान चाची, वुमनिया, अहिल्याबाई होल्कर, झांसी की रानी, अरुणिमा सिन्हा, कल्पना चावला, दीपिका कुमार, गोदावरी दत्ता, कुमकुम आदि पर वृतचित्र तो सिग्नेचर, कशमकश, द डे आफ्टर एवरीडे, घर की मुर्गी, देवी, नीतिशास्त्र, विकल्प, बातें, द पर्पल स्कार्फ, द ब्रोकन टेबल, बेटी आदि लघु फिल्में आकर्षण के केंद्र में हैं.
सिने सोसायटी के सहयोग से फिल्मों पर बातचीत के लिए फिल्मी दुनिया से जुड़े सुमन कुमार सिन्हा, डा जयमंगल देव, विनोद अनुपम, सुशील कुमार, डा जावेद अख्तर खां, अनन्त, मिनती चकलानवीस, राजेश राज, प्रशांत रंजन, पुंज प्रकाश आदि जहां दर्शकों से सीधा संवाद स्थापित करने की सूची में हैं, वहीं सूत्रधार, ओम, अतुल्य आर्ट, अभियान आदि संस्थाएं नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर रही हैं. पटना के युवा कवि और संस्कृतिकर्मी मशहूर कवियों जैसे निराला, मुक्तिबोध, शमशेर, दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा, त्रिलोचन, केदारनाथ अग्रवाल, आलोक धन्वा, अरुण कमल, फैज, काजी नजरूल इस्लाम, जीवनानंद दास, नामदेव ढसाल, ओमप्रकाश वाल्मीकि, अनामिका, राजेश जोशी, नागार्जुन, केदारनाथ सिंह, गोरख पांडे आदि की कविताओं का पाठ करने का क्रम शुरू कर चुके हैं. इन संस्कृति प्रेमियों में अनीश अंकुर, अनिल अंशुमन, गौतम, निखिल आनंद गिरी, विनोद कुमार, अजीत कुमार, संजय शांडिल्य, विनय कुमार, राजीव रंजन श्रीवास्तव, निवेदिता, जय प्रकाश, ज्योति स्पर्श, नताशा, अंचित, आनंद परिमल शामिल हैं. इनके अलावा मेधा पाटकर, मालिनी अवस्थी, ममता कालिया, रूपा सिंह, भावना शेखर, प्रशासनिक सेवा की एन विजयालक्ष्मी, मधुबाला, शारदा सिन्हा, मोना झा, शारदा सिंह, आरजे अंजलि, आरजे बरखा, आरजे दीपशिखा, प्रशासनिक सेवा से जुड़ी हरजोत कौर, विश्वविख्यात खिलाड़ी श्रेयसी सिंह, प्रशासनिक अधिकारी सीमा त्रिपाठी, प्रशासनिक अधिकारी वंदना प्रेयसी आदि के साथ ही काफी हाउस के तहत वरिष्ठ पत्रकार विष्णु त्रिपाठी से मनीषा प्रकाश, विशेष बात के तहत साहित्य अकादेमी से सम्मानित कवि बद्री नारायण से कवि शहंशाह आलम बात करेंगे. विशेष बात कार्यक्रम में लोक कथाकार रामधारी सिंह दिवाकर, पत्रकार लेखक विकास कुमार झा आदि शामिल हो रहे हैं, तो जन संवाद में रेणु, शैलेन्द्र और सिनेमा विषय पर लेखक अनंत, सिनेमा विशेषज्ञ विमलेन्दु सिंह और प्रशांत शामिल हुए. मीडिया और नई चुनौतियां पर अकु श्रीवास्तव, आलोक मिश्र और रणजीत सिंह से बातचीत हो रही है. जयंती रंगनाथन, त्रिपुरारी शरण, व्यास जी, संजीव पालीवाल, शताक्षी आनंद, अनंत विजय जहां अपनी नई किताबों पर संवाद करेंगे वहीं कवि सम्मेलन में नीलोत्पल मृणाल, मृत्युंजय प्रभाकर, चन्द्रबिन्द, अरुण शीतांश, बालमुकुन्द, सुमिता कुमारी, मुसाफिर बैठा आदि शामिल हो रहे हैं. इस बार देश के लगभग सौ प्रकाशक अपनी नई और प्रमुख किताबों के साथ मेले में हैं.