नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित ‘पुस्तकायन‘ पुस्तक मेले का चौथा दिन बच्चों के नाम रहा. बच्चे जहां बाल साहित्यकार, कवि और लेखक प्रकाश मनु से मिले, वहीं उन्होंने जानेमाने कार्टूनिस्ट-लेखक माधव जोशी से कार्टून बनाने के गुर भी सीखे. ‘अपने प्रिय बाल लेखक से मिलिए‘ कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों की भेंट साहित्य अकादेमी के प्रथम बाल साहित्य पुरस्कार विजेता प्रकाश मनु से कराई गई. बच्चों से संवाद करते हुए मनु ने सबसे पहले उन्हें अपने बचपन और वहां से लेखक बनने की प्रक्रिया के बारे में बताया. उन्होंने अपनी कई कहानियां एवं कविताएं भी बच्चों को रोचक तरीक़े से सुनाईं. उन्होंने कहा कि युवा अवस्था में ही जब मैं विज्ञान का विद्यार्थी था तभी तय कर लिया था कि मैं साहित्यकार ही बनूंगा और अपनी आजीविका भी साहित्य के जरिये ही अर्जित करूंगा. अपनी मां और नानी की सुनाई कहानियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं उन कहानियों के नायकों के सुख-दुख में पूरी तरह शामिल हो जाता था और कई दिन उनके ही समान स्वयं को महसूस करता था.
अधकू चरित्र पर लिखी कहानी सुनाते हुए प्रकाश मनु ने कहा कि यह कहीं न कहीं मैं ही था और मैंने उस चरित्र की तरह ही आठवीं कोठरी खोलने का निश्चय किया, जिसमें ख़तरे तो बहुत थे. लेकिन उन पर विजय पाने की ख़ुशी और गर्व भी शामिल था. उन्होंने निराला, दिनकर, बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन‘ आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे सबसे ज्यादा प्रेमचंद की कहानियों ने बदला. उन्होंने कहा कि लेखक होने से बड़ा सुख कोई नहीं है. साहित्यकार अपने रचना-संसार से हज़ारों लोगों के दिलों को स्पर्श कर सकता है. अंत में, उन्होंने बच्चों के कई रोचक सवालों के जवाब भी दिए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कई विद्यालयों के बच्चे शामिल हुए. इसके बाद कार्टूनिस्ट एवं लेखक माधव जोशी ने बच्चों के साथ कार्टून कार्यशाला का संयोजन किया. उन्होंने बच्चों को स्थिर चित्र में गति लाने के कई तरीक़े तो बताए ही, साथ ही यह भी बताया कि कार्टून कला में माहिर होने के लिए सभी चीजों का सूक्ष्म निरीक्षण बहुत ज़रूरी है. इसी के आधार पर हम श्रेष्ठ कार्टूनिस्ट हो सकते हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत सीसीआरटी छात्रवृत्ति पा रही ओडिसी एवं भरतनाट्यम नृत्य बाल कलाकार सोहनी महापात्र एवं अनन्या पुंजाल की प्रस्तुतियां हुईं.