नई दिल्लीः शब्द सृजन संस्थान ने महाकाल भक्त निवास के प्रेक्षागृह में महाकाल साहित्य उत्सव मनाया. इस अवसर पर प्रथम सत्र में ‘द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा‘ काव्य-ग्रंथ का विमोचन हुआ, साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से आए लगभग चार दर्जन सहभागी रचनाकारों को ‘महाकाल साहित्य सम्मान‘ से अलंकृत किया गया. कालिदास साहित्य अकादमी उज्जैन के निदेशक एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा गोविन्द गन्धे ने इस ग्रंथ को सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण के कालजयी ग्रंथ की संज्ञा दी और कहा कि शब्द सृजन संस्थान द्वारा किए जा रहे सृजनात्मक सत्प्रयास अभिनन्दन के योग्य हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत शासकीय महाविद्यालय के आचार्य डा सदानन्द त्रिपाठी ने की. उन्होंने कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंग पर काव्यमय रचनाओं को एकत्र कर एक ग्रंथ में समेटने का उद्यम कर शब्द सृजन संस्थान ने श्लाघनीय कार्य किया है.
निर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरि के प्रतिनिधि आचार्य पंडित रमाकांत पुरोहित ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा को अभूतपूर्व बताया. द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा काव्य ग्रंथ का संपादन संस्था के अध्यक्ष डा राजीव कुमार पाण्डेय और महासचिव डा ओंकार त्रिपाठी ने किया. कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर अतिथियों के माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ. सभी अतिथियों को अंगवस्त्र माला, श्रीफल, स्मृति चिह्न देकर स्वागत व अभिनन्दन किया गया. द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा ग्रंथ में जिन रचनाकारों की रचनाएं प्रकाशित हुई हैं, उन्हें संस्था की ओर से महाकाल साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया. एक दिवसीय महाकाल साहित्य उत्सव में विमोचन और सम्मान समारोह के अलावा कवि सम्मेलन भी आयोजित हुआ. इस समारोह में संस्था के उपाध्यक्ष राजकुमार छापड़िया, सचिव ब्रज माहिर, कार्यकारी सदस्य रजनीश स्वच्छंद, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रचना गोयल, दिल्ली प्रदेश प्रभारी सीमा पटेल सहित विशिष्ट सहयोगी डा राघवेंद्र पाण्डेय, उत्तराखंड के नवनियुक्त प्रभारी प्रतोष मिश्र, सुनीता पूनिया, राजेश नवोदयी आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन डा राजीव कुमार पाण्डेय ने किया.