लखनऊ: “भारत के मध्यकालीन भक्ति साहित्य में मीराबाई कृष्णभक्ति की शिखर प्रतीक हैं. सगुण भक्ति रस की पीयूष धारा प्रवाहित करने वाली कृष्ण की परम आराधिका, कवयित्री और गायिका मीरा ऐसी पहली विभूति हैं, जिन्होंने कृष्णभक्ति के पीछे सब कुछ त्याग दिया.” यह बात वरिष्ठ साहित्यकार प्रो सूर्य प्रसाद दीक्षित ने मीराबाई जयंती संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में कही. लोक संस्कृति शोध संस्थान की ओर से निराला नगर में ‘बसो मोरे नैनन में नंदलाल…‘ शीर्षक से मीराबाई जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर विविध क्षेत्रों में योगदान देने वाली सात महिलाओं को सम्मान किया गया. प्रो कमला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुए समारोह में वरिष्ठ लोक गायिका इन्दु सारस्वत, डा सरोजिनी सक्सेना और रश्मि उपाध्याय को मीराबाई लोक संगीत सम्मान, रेखा अग्रवाल, आभा शुक्ला और सरिता अग्रवाल को मीराबाई भक्ति संगीत अनुरागी सम्मान तथा अंतरा भट्टाचार्य को मीराबाई युवा संगीत साधक सम्मान प्रदान किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ अविका गांगुली, मिहिका, सीमादास गुप्ता, अथर्व श्रीवास्तव, कर्णिका सिंह, अव्युक्ता, शीर्षा अग्रवाल, आद्रिका मिश्रा ने समवेत स्वर में मीरा के प्रसिद्ध भजन ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो‘ के गायन से हुआ. स्नेहा प्रजापति, नेहा प्रजापति, स्मिता पाण्डेय, आद्रिका मिश्रा ने ‘पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे…‘ पर मनमोहक नृत्य किया.
लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने सभी का स्वागत किया. लोक गायिका वन्दना शुक्ला के संचालन में हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने मीराबाई के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की वहीं मीरा के कई भजनों की प्रस्तुति भी हुई. प्रो कमला श्रीवास्तव ने सम्मानित कलाकारों को बधाई दी. कार्यक्रम में लोकविद डा रामबहादुर मिश्र, लोक गायिका पद्मा गिडवानी, कुमायूं कोकिला विमल पंत, इंद्रा श्रीवास्तव, ऋचा जोशी, निवेदिता भट्टाचार्य, मुनालश्री विक्रम बिष्ट, रोमा हेमवानी, युवा समाजसेवी अभिषेक अग्रवाल, कैप्टन प्रखर गुप्ता, अनुराग साहू, अवधेश कौशल, नैमिष सोनी, सत्यम पाण्डेय, कविराज कृष्णा सिंह सहित अन्य मौजूद रहे. याद रहे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट लिखकर संत मीराबाई को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा- “भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त मीराबाई का जीवन हमारे समाज के लिये प्रेरणा है. उनके भजन और दोहे आज भी घर-घर को श्रद्धा और भक्ति से सुशोभित करते हैं. उनकी जन्म-जयंती पर देशभर के मेरे परिवारजनों को ढेरों शुभकामनाएं.“