जयपुर: साहित्यिक संस्था ‘शब्द समय‘ की ओर से प्रतिभा जैन की अध्यात्म और मनोविज्ञान पर लिखी पुस्तक ‘तुम खुश रहो‘ का विमोचन और पुस्तक चर्चा कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस अवसर पर लेखिका जैन ने कहा कि यह पुस्तक व्यक्ति के जीवन का बोझ से जीवन का बोध बना देने के बारे में है. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक की विशेषता यही है, इसे कहीं से भी पढ़ा जा सकता है. यह पुस्तक मनुष्य के जीवन की राह को आसान बनाने के उद्देश्य से लिखी है. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा शिव गौतम ने कहा कि इस पुस्तक का एक-एक पृष्ठ एक पुस्तक है. हर पृष्ठ एक मोती है और पुस्तक एक माला है जिसे आप पढ़ भी सकते हैं और जप भी सकते हैं. लेखिका ने इस पुस्तक में जीवन की कला बताई है. यह आज के समय की एक जरूरी पुस्तक है जिसे हर व्यक्ति को पढ़ाना चाहिए.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि कुछ किताबें ऐसी होती हैं, जिन्हें हम सहेज कर रखते हैं और उन्हें बार-बार पढ़ना चाहते हैं, जैन की यह पुस्तक भी ऐसी ही कृति है. पुस्तक की सार्थकता तब है जब वो आपके जीवन में बदलाव लेकर आए, इस लिहाज़ से यह किताब एक महत्त्वपूर्ण कृति है जिसे पढ़ने के बाद आप पहले जैसे नहीं रहते बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ जाते हैं. वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने कहा कि दर्शन को इतने सहज व सरल शब्दों में वही व्यक्ति लिख सकता है, जिसने अपने खुद के जीवन में गहन सरलता से जीवन जिया है. उन्होंने कहा कि जीवन और जगत पर केंद्रित है यह पुस्तक जो स्वयं को जानना और दूसरों को समझना सिखाती है. इस पुस्तक में जीवन के सूत्रों को सुभाषित की शैली में सरलता से लिखा गया है और सरलता से कहना ही सबसे बड़ी बात है. सिद्धांत ने धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन माधुरी ने किया.