सोनभद्र: मंडी समिति के समीप एक लॉन में असुविधा परिवार, राष्ट्रीय संचेतना समिति एवं शहीद प्रबंधन ट्रस्ट करारी के संयुक्त तत्वावधान में चतुर्थ मुनीर बख्स आलम स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन हुआ. इस आयोजन में साहित्यकार व पूर्व अपर मंडलायुक्त ओम धीरज को 11 हजार रुपए नकद, अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ व सम्मान पत्र भेंट कर ‘मुनीर बख्स आलम स्मृति सम्मान‘ से सम्मानित किया गया. युवा कवि प्रभात सिंह चंदेल को प्रतिभा सम्मान एवं नसीम बेगम को सेवा सम्मान प्रदान किया गया. जनपद के कई साहित्यकारों को सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा अनिल मिश्र एवं विशिष्ट अतिथि इंद्रदेव सिंह के अलावा संत कीनाराम पीजी कालेज के प्राचार्य डा गोपाल सिंह, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त शिक्षक ओमप्रकाश त्रिपाठी, साहित्यकार नरेंद्र नीरव ने मुनीर बख्श आलम की जीवनी पर विचार व्यक्त किए.
इस अवसर पर समारोह की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार अजय शेखर ने कहा कि मुनीर बख्श आलम जीवन के हर पहलू के साथ खड़े हैं. वे बेहतरीन शिक्षक और साहित्कार के साथ ही जिंदादिल इंसान भी थे. याद रहे कि मुनीर बख्श आलम सोनांचल के साहित्यकारों और शायरों में काफी चर्चित रहे. उन्होंने ‘यथार्थ गीता‘ का उर्दू में अनुवाद किया था. आलम को उनकी लेखनी के लिए साहित्य गौरव, बहादुर शाह जफर सम्मान, सनातन गौरव सम्मान, स्वामी अवधेशानंद राष्ट्रीय साहित्य सम्मान जैसे आधा दर्जन से अधिक पुरस्कार मिले थे. वे दिव्य प्रभा साहित्यिक पत्रिका के आजीवन संपादक रहे. उन्होंने एक दर्जन से अधिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया था. सम्मान समारोह में शिवदास, जयश्री राय, सुर्यप्रकाश मिश्र, रामनरेश पाल, नंदलाल राजभर, सीताराम, विक्रांत, दिव्या राय, कौशल्या चौहान, सुशील राही, ईश्वर विरागी सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन जगदीश पंथी और रामनाथ शिवेंद्र ने संयुक्त रूप से किया.