कोलकाता: प्रभा खेतान फाउंडेशन भारत की सभ्यता, संस्कृति, कला, साहित्य और भाषा के पूरे दिन का जश्न लंदन में मना रहा है. 15 अक्तूबर को फाउंडेशन ‘कलम-ओ-उत्सव‘ के रूप में साहित्यिक कार्यक्रमों के गुलदस्ते के साथ ऑक्सफोर्ड बिजनेस कॉलेज लंदन में उपस्थित होगा. इस एक दिवसीय महोत्सव में उद्घाटन सत्र सहित कुल 10 आकर्षक सत्र होंगे, जिनमें 15 पैनलिस्ट हिस्सा लेंगे. इस दौरान एक शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन भी होगा. इस कार्यक्रम में भारत और लंदन के हिंदी साहित्य के जाने-माने लेखक, विद्वान और कलाकार उपस्थित हो रहे हैं. यह महोत्सव विचारों, कहानियों, चर्चाओं और शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन से भी भरा होगा. ‘कलम-ओ-उत्सव‘ के दौरान जिन विषयों पर हिंदी के प्रसिद्ध लेखक, साहित्यकार, अकादमिक विद्वान अपने विचार साझा करेंगे वे हैं- ‘बेहतर कहानी की भूमि: अपनी भाषा अपने लोग‘; ‘इतिहास रचते शब्द‘; ‘कविता, कूटनीति और स्त्री कथाएं‘; ‘बदलती लहरें: नारीवाद का विकसित परिदृश्य‘; ‘मीडिया की चुनौतियां और संभावनाएं‘; ‘हिन्दी साहित्य और स्त्री विमर्श‘; ‘सत्य और कल्पना के पन्ने‘; ‘पर्वत, पात्र और परिकल्पना‘; ‘नमक स्वादानुसार‘ और ‘मीडिया और साहित्य का बदलता परिदृश्य‘.
इन सत्रों में अल्पना मिश्रा, अनामिका, अनिल शर्मा ‘जोशी‘, डा सच्चिदानंद जोशी, मनीषा कुलश्रेष्ठ, प्रत्यक्षा, राजेश कुमार, रेखा सेठी, संजीव पालीवाल, लक्ष्मी प्रसाद पंत सहित कई लेखक-विद्वान हिस्सा ले रहे हैं. ‘कलम-ओ-उत्सव‘ में ओडिसी नृत्यांगना, डोना गांगुली भी अपने समूह के साथ एक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत करेंगी. इस कार्यक्रम की रूपरेखा जिन लोगों ने बनाई उनमें अहसास वूमेन और प्रभा खेतान फाउंडेशन की राजस्थान और मध्य भारत मामलों की मानद संयोजक अपरा कुच्छल; अहसास वूमेन और प्रभा खेतान फाउंडेशन के दिल्ली-एनसीआर मामलों की मानद संयोजक नीलिमा डालमिया आधार और ऑक्सफोर्ड बिजनेस कॉलेज के निदेशक, यूके की हिंदी समिति के संस्थापक पद्मेश गुप्ता शामिल हैं. यह महोत्सव इंडो-यूरोपियन हिंदी महोत्सव के दौरान आयोजित किया जा रहा है.