देहरादून: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में चौथे राष्ट्रीय सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं कला उत्सव-2023 का उद्घाटन किया. इस अवसर पर अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों एवं शिक्षकों को एक-दूसरे से मिलने, देश के विभिन्न प्रांतों की संस्कृतियों को समझने और सीखने का अवसर प्रदान करते हैं, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ की कल्पना को पूरा करते हैं. उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि इस तरह के कार्यक्रम आपको प्रेरित करेंगे और आपको अपनी संस्कृति के साथ-साथ देश के विभिन्न कोनों में रहने वाले आदिवासी समुदायों की समृद्ध परंपराओं के बारे में जानने का बेहतर अवसर प्रदान करेंगे.” पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में आदिवासियों की विविध परंपराओं और संस्कृति एवं राज्य में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला.
इस उत्सव का आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी ने किया था. महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज देहरादून में आयोजित इस उत्सव की मेजबानी एकलव्य विद्यालय संगठन समिति उत्तराखंड ने की. एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय इस सांस्कृतिक उत्सव के माध्यम से आदिवासी छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी छिपी प्रतिभा दिखाने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करता है. इस चार दिवसीय कार्यक्रम में 22 राज्यों के 2000 से अधिक आदिवासी छात्रों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान 20 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें नृत्य और गीत प्रदर्शन से लेकर प्रश्नोत्तरी एवं दृश्य कला आदि शामिल थे. आदिवासी संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न राज्यों के स्टालों की व्यवस्था की गई है. जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय योजना के आयुक्त डा नवल जीत कपूर ने इस योजना के बारे में जानकारी दी. एनईएसटीएस पूरे भारत में अनुसूचित जनजातियों के लिए ईएमआरएस चला रहा है. ईएमआरएस योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है और इसे वर्ष 2018-19 में नया रूप दिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूर-दराज के आदिवासी इलाकों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके.