प्रयागराज: लोक संचेतना के कवि एवं लेखक, कुलभाष्कर इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य वरिष्ठ साहित्यकार डा देवीप्रसाद कुंवर के निधन से स्थानीय साहित्य और शिक्षा जगत में शोक छा गया. डा कुंवर पिछले कुछ वर्षों से लीवर सिरोसिस की बीमारी से ग्रस्त थे. उन्होंने वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एमए और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से पीएचडी करने के बाद प्रयागराज को अपनी कर्मस्थली बनाया. आपने शिक्षा के क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल करने के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई और आलोचना को विधा के रूप में चुना. समीक्षा के क्षेत्र में आपने कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का सृजन किया था.
डा कुंवर जिन पुस्तकों के लिए जाने गए, उनमें धर्मवीर भारती का कथा संसार, धर्मवीर भारती का काव्य संसार, पांच खंडों में रामेश्वर शुक्ल अंचल समग्र महत्त्वपूर्ण हैं. इसके अलावा आपने काव्य संग्रह ‘खिड़की से झांकती सुबह‘ तथा ललित निबंध-संग्रह ‘मंदिर दियना बार‘ से पाठकों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की थी. डा कुंवर साहित्य में लोक अवधारणाओं के कलमकार थे. डा विश्वनाथ प्रसाद के साथ संयुक्त रूप से रचित ललित निबंधों का एक संग्रह ‘तुम्हारा आकाश‘ भी खासा चर्चित हुआ था. इस संग्रह में जीवन के विविध रंग रोचक निराले अंदाज में प्रस्तुत किए गए थे. प्रयागराज साहित्य जगत में कुंवर के न रहने पर शोक व्याप्त हो गया. उनके छात्रों ने भी उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की.