नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र ने सांकेतिक भाषा दिवस मनाया. इसका ध्येय वाक्य था- ‘एक ऐसी दुनिया जहां हर जगह के बधिर लोग कहीं भी अपना निशान छोड़ सकते हैं.‘ इस अवसर पर एक आनलाइन स्वशिक्षण पाठ्यक्रम- भारतीय सांकेतिक भाषा में बुनियादी संचार कौशल शुरू किया गया. यह जरूरत के अनुसार भारतीय सांकेतिक भाषा के बुनियादी ज्ञान प्राप्त करने में रुचि रखने वाले बधिर बच्चों के माता-पिता, भाई-बहनों, शिक्षकों और व्यक्तियों के लिए है. इस पाठ्यक्रम में 10 माड्यूल शामिल हैं, जिसमें 30 आवश्यक विषय शामिल हैं, जो बुनियादी आईएसएल संचार की एक व्यापक समझ सुनिश्चित करते हैं. भारतीय सांकेतिक भाषा में संयुक्त रूप से आईएसएलआरटीसी, सोसाइटी जनरल और वी-शेष की ओर से वित्तीय पदों के लिए विकसित 260 संकेतों को जारी किया गया. वित्तीय पदों के लिए इन संकेतों को वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाले बधिर और लोगों के बीच संचार की सुविधा के लिए विकसित किया गया है. यह परियोजना नौकरी चाहने वाले बधिर युवाओं के रोजगार की संभावनाओं को बेहतर बनाने में सहायता करेगी. वेबसाइट पर 10,000 आईएसएल शब्दकोश पदों को जारी किया गया. बधिरों के लिए विशेष विद्यालयों में आईएसएल पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई. व्हाट्सएप वीडियो कॉल के माध्यम से बधिर समुदाय के लिए वीडियो रिले सेवा शुरू की गई. वीडियो रिले एक वीडियो दूरसंचार सेवा है, जो बधिर लोगों को दूरस्थ सांकेतिक भाषा दुभाषिया के माध्यम से सुनने वाले लोगों के साथ संवाद करने में सक्षम बनाती है.
इस अवसर पर उपस्थित सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक ने ‘मन की बात‘ कार्यक्रम को आईएसएल में शुरू किए जाने का सुझाव दिया. उन्होंने दिव्यांग युवाओं के बीच रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार के किए गए प्रयासों को भी रेखांकित किया. डीईपीडब्ल्यूडी के सचिव राजेश अग्रवाल ने दिव्यांगजनों को रोजगार देने के लिए डीईपीडब्ल्यूडी की पहल के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि विभाग बधिर छात्रों को टैबलेट प्रदान करने की योजना बना रहा है, जिससे वे सांकेतिक भाषाओं में शैक्षणिक वीडियो से लाभान्वित हो सकें. डीईपीडब्ल्यूडी के संयुक्त सचिव राजेश यादव ने सभी गणमान्य प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आईएसएलआरटीसी एक मंच को विकसित करने की पहल करेगा, जहां बधिर आसानी के साथ सुनने सहित बातचीत कर सकते हैं. इसके अलावा आईएसएलआरटीसी आठवीं कक्षा और उसके बाद के एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों के अनुवाद पर भी काम करेगा. आल इंडिया फेडरेशन आफ डेफ के अध्यक्ष सुनील सहस्त्रबुद्धे ने पिछले 8 वर्षों में आईएसएलआरटीसी के महत्वपूर्ण विकास की सराहना की. आल इंडिया फेडरेशन आफ द डेफ वूमेन की अध्यक्ष उमा कपूर ने कहा कि सभी माता-पिता को आनलाइन सेल्फ-लर्निंग आईएसएल पाठ्यक्रम सीखना चाहिए, जिससे वे अपने बधिर बच्चों के साथ संवाद कर सकें. नेशनल एसोसिएशन आफ डेफ के अध्यक्ष एएस नारायण ने कहा कि सांकेतिक भाषा दिवस के अवसर पर सरकार इंडिया गेट जैसे केंद्रीय स्थानों पर ब्लू लाइट को प्रदर्शित करके इसे मान्यता दे रही है. इस कार्यक्रम के दौरान निम्नलिखित कार्यक्रमों की शुरुआत की गई और सामग्रियों को जारी किया गया.