वाराणसी: धार्मिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों के केंद्र बनारस में वाणी प्रकाशन ने ‘साहित्य उत्सव‘ का आयोजन किया है. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कला संकाय के राधा कृष्णन सभागार में समूह की वार्षिक ‘पुस्तक प्रदर्शनी और साहित्य उत्सव‘ का उद्घाटन हुआ, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं शायर डा वशिष्ठ अनूप ने की. अपने उद्घाटन-वक्तव्य में उन्होंने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से हम एक जगह रहते हुए न जाने कितनी दुनियाओं की सैर कर लेते हैं और वाणी ने इस कार्य को आज उपलब्ध कराया है. देश के प्रतिष्ठित प्रकाशकों में वाणी भी शुमार होता है.
समारोह में वशिष्ठ ने कहा कि अभी जिन पुस्तकों का लोकार्पण हुआ, उनमें ‘साहित्यिक निबन्ध‘ कई दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है. साहित्य और साहित्येतर के विषयों के बहुत अच्छे लेख हैं और बहुत परिश्रम से लिखे हुए लेख हैं. त्रिभुवन सिंह और विजय बहादुर सिंह ने बहुत श्रम से इस कार्य को सम्पादित किया था. विवेक सिंह की पुस्तक ‘उत्तर सत्यवाद‘ के लोकार्पण के अवसर पर कवि अरुण कमल ने कहा कि ‘हिंदी में ऐसी कोई किताब मेरे हाथ पहले न लगी.‘ इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष ने वाणी प्रकाशन के अरुण माहेश्वरी और अदिति माहेश्वरी-गोयल का धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम के आरम्भ में वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी गोयल ने डा धर्मवीर भारती को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण करते हुए सभी का स्वागत किया. कार्यक्रम में प्रो प्रभाकर सिंह, प्रो बाबू राम शर्मा, डा लहरी राम मीणा आदि की उपस्थिति रही.