नई दिल्ली: “छात्रों को हमारी स्थानीय विरासत और इतिहास पर गर्व करना चाहिए और इस दिशा में आप शिक्षकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है,” यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के विजेताओं के साथ बातचीत के दौरान कही. राजधानी के 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से छात्रों को अपने क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया. इस बातचीत में 75 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों ने भाग लिया. प्रधानमंत्री ने देश के युवा दिमागों को विकसित करने में शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने अच्छे शिक्षकों के महत्त्व और देश की नियति को आकार देने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने बच्चों को जमीनी स्तर पर उपलब्धि हासिल करने वालों की सफलता के बारे में शिक्षित करके प्रेरित करने के महत्व पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने देश में विविधता की ताकत पर प्रकाश डालते हुए शिक्षकों से अपने स्कूलों में देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति और विविधता का जश्न मनाने का अनुरोध किया.
चंद्रयान-3 की हालिया सफलता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में छात्रों में जिज्ञासा को प्रोत्साहित करने के महत्व को रेखांकित किया क्योंकि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी संचालित सदी है. उन्होंने युवाओं को कुशल बनाने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के महत्त्व के बारे में भी बात की. मिशन लाइफ के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने उपयोग और फेंक संस्कृति के विपरीत रीसाइक्लिंग के महत्व पर चर्चा की. कई शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को अपने स्कूलों में होने वाले स्वच्छता कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी. इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने शिक्षकों को अपने पूरे करियर में लगातार सीखने और अपने कौशल को उन्नत करने की सलाह दी. याद रहे कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है. इस वर्ष, पुरस्कार का दायरा बढ़ा दिया गया है, जिसमें पहले स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों को शामिल किया गया था, अब इसमें उच्च शिक्षा विभाग और कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चयनित शिक्षकों को भी शामिल किया गया है.