लेह: “किताबें लिखने की परंपरा हमारे देश की प्राचीन कला और साहित्य का हिस्सा है.” यह बात राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत द्वारा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख प्रशासन के सहयोग से आयोजित ‘लद्दाख पुस्तक महोत्सव‘ का उद्घाटन करते हुए उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने कही. इतने बड़े पैमाने पर लद्दाख पुस्तक महोत्सव के आयोजन के लिए उन्होंने एनबीटी-इंडिया की सराहना की और समाज के सभी वर्गों के लिए बड़ी संख्या में किताबें उपलब्ध होने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि पूरा लद्दाख इस अनूठे पुस्तक महोत्सव में आए और इसका अधिकतम लाभ उठाए. हम सभी को इस पहल का हिस्सा बनने की जरूरत है, जो पढ़ने और किताबों तथा साहित्य और संस्कृति के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करती हैं.” अतिथियों का स्वागत करते हुए एनबीटी-इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर गोविंद प्रसाद शर्मा ने कहा कि पुस्तकें ज्ञान प्राप्त करने का एकमात्र विश्वसनीय माध्यम हैं. उन्होंने लद्दाख पुस्तक महोत्सव में आयोजित होने वाली गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में बात की, और बताया कि देश के कई अन्य शहरों में भी साहित्य और संस्कृति को स्थापित करने के लिए और अधिक पुस्तक महोत्सव आयोजित किए जाएंगे. यह पुस्तक महोत्सव स्थानीय न्यू मल्टीपर्पज इंडोर स्टेडियम में लगा है, जो 12 से 16 जुलाई तक चलेगा.
उद्घाटन सत्र में मंच पर लेह और कारगिल के दो प्रतिष्ठित लेखक भी उपस्थित थे. इनमें जामयांग ग्यालत्सन ने कहा कि यह पुस्तक महोत्सव उन युवा पाठकों को प्रोत्साहित कर उनके विचार क्षितिज को व्यापक बनाएगा, जो पुस्तकों और साहित्य के प्रति उत्साही हैं. इससे नए स्थानीय लेखकों को भी मदद मिलेगी और लद्दाख की बोलियों को पूरे देश में बढ़ावा मिलेगा. मो सादिक हरदासी ने मुद्रित किताबें और डिजिटल किताबें पढ़ने के बीच अंतर पर बात करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि पुस्तक महोत्सव उन सभी के लिए एक समृद्ध अनुभव होगा. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, एलएएचडीसी के अध्यक्ष एडवोकेट त्याशी ग्यालसन ने इस पहल के लिए एनबीटी-इंडिया और इसका समर्थन करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि लद्दाख पुस्तक महोत्सव जैसे अवसर, लद्दाख के उभरते लेखकों और युवा पाठकों को सहायता प्रदान करेंगे. धन्यवाद ज्ञापित करते हुए एनबीटी-इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने कहा, “एक किताब आपकी जीवनशैली का दर्जा होनी चाहिए, न कि आपका फोन. एक किताब आपकी जिंदगी बदल सकती है. आइए और लद्दाख पुस्तक महोत्सव में जाकर वह पुस्तक चुनें जो आपका जीवन बदल देगी!” विशाल हिमालय और काराकोरम पर्वत श्रृंखलाओं की शांत पृष्ठभूमि में हो रहा यह साहित्यिक उत्सव लिखित शब्द और लद्दाख की भव्यता दोनों का एक आनंदमय गान है.