हजारीबागः संस्कार भारती और राष्ट्रकवि संगम के संयुक्त तत्वावधान में संघ कार्यालय में काव्य गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन हुआ. रतन वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस गोष्ठी में कविता पाठ के अलावा कहानी, गजल, शायरी और नाट्यलेखन पर भी चर्चा हुई. बतौर विशिष्ट अतिथि लेखक-समालोचक बलदेव पांडे, मैथिली कवि-कथाकार हितनाथ झा, विभावि के प्राध्यापक डॉ सुबोध सिंह शिवगीत, कवयित्री शशिबाला, संस्कार भारती के प्रदेश मंत्री संजय श्रीवास्तव, प्रदेश कोषाध्यक्ष विकास कुमार, जिला अध्यक्ष कुमार केशव ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कार भारती के ध्येय गीत ‘साधयति संस्कार भारती’ से हुआ. इसकी प्रस्तुति रेखा झा एवं राकेश रंजन ने दी. झा ने सरस्वती वंदना भी प्रस्तुत किया. सचिन कुमार, आतिश आलोक एवं सत्यवेश नीरज ने गजल सुनाई, तो हरेंद्र कुमार, साकेत पाठक, पुष्कर कुमार पुष्प, अनंत ज्ञान, शशिबाला, हितनाथ झा ने कविता-पाठ किया.
गोष्ठी में पुष्कर कुमार पुष्प ने लेखकों की आलोचना पर जोर दिया. श्वेता चंचल ने बनारस पर यात्रा वृतांत और कुमार केशव ने स्वरचित भजन सुनाए. कार्यक्रम में मैथिली और खोरठा भाषा में भी कविता-पाठ हुआ. काव्य पाठ की समालोचना बलदेव पांडे और डॉ सुबोध सिंह शिवगीत ने किया. बलदेव पांडे ने कविता में नए विषय व विभिन्न काव्यांग पर जोर दिया, वहीं शिवगीत ने शीघ्र ही एक काव्यशाला का आयोजन करने की बात कही. करपुरा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के माध्यम से मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि सहित सभी काव्य पाठकों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. साकेत पाठक को पीएचडी पूरा करने पर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्कार भारती के मंत्री राकेश रंजन, कार्यक्रम संयोजक सह सचिव राजीव झा, संस्कार भारती के कोषाध्यक्ष अनिल पांडे, उप कोषाध्यक्ष विनित जैन, किशोर सिन्हा, साहित्य विधा सह संयोजक रवि प्रकाश पाठक का विशेष योगदान रहा. मंच संचालन आतिश आलोक और अनंत ज्ञान ने किया.