ददाहूः ‘रानी खैरगढ़ी’ और ‘भैरो कभी मरा नहीं’ जैसे उपन्यासों के रचयिता हिमाचल प्रदेश के ख्यात साहित्यकार डॉ गंगाराम राजी को साहित्य के लिए डॉ परमार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें यह सम्मान हिमाचल प्रदेश सिरमौर कला संगम की ओर से वशिष्ठ आश्रम बायरी ददाहू में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया गया. इसके अलावा रंगकर्मी दक्षा उपाध्याय को अभिनय और निर्देशन के लिए पुरस्कृत किया गया. डॉ गंगाराम राजी हिमाचल प्रदेश के सबसे अधिक उपन्यास लिखने वाले कथाकारों में गिने जाते हैं. उन्होंने ऐतिहासिक चरित्रों पर उपन्यास लिखकर इतिहास और संस्कृति से नई पीढ़ी को रूबरू करवाया है. गंगा राम राजी के अब तक 27 कहानी संग्रह और 14 उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं.
‘रानी खैरगढ़ी’, ‘भैरो कभी मरा नहीं’ के अलावा डॉ गंगाराम राजी ने ‘सिंध का गांधी’, ‘स्वामी कृष्णा नंद’, ‘मेरो दर्द न जाने कोय’, ‘जनरल जोराबर सिंह कलहूरिया’ और ‘बम मास्टर भाई हिरदा राम’ जैसे उपन्यासों से देश भर में अपनी पहचान बनाई है. वे भारतीय वांगमय पीठ कोलकाता, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जयपुर और छत्तीसगढ़ की अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित हो चुके हैं. उन्हें हिमाचल कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी का साहित्य पुरस्कार भी मिल चुका है. बहुमुखी प्रतिभा की धनी रंगकर्मी दक्षा उपाध्याय की रंग यात्रा मंडी से होते हुए दिल्ली राष्ट्रीय नाट्य विद्याालय, ओड़िशा और माया नगरी मुंबई तक पहुंची है. अभिनय और निर्देशन में बराबर का दखल रखने वाली दक्षा उपाध्याय को भी सिरमौर कला संगम की ओर से इस वर्ष साहित्य, समाज सेवा व संगीत के लिए सम्मानित किए जाने वाले 11 लोगों के साथ सम्मानित किया गया है.