ग्वालियर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि हिंदी हमारे भाव को व्यक्त करने की भाषा है. आज हिंदी का प्रचार प्रसार पूरे विश्व में हो रहा है. वे ग्वालियर में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में निर्मित हो रहे मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा के हिंदी भवन के भूमिपूजन समारोह में बोल रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जैसे हिंदी भाषा के योगदान के लिए भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया जाता है, उसी प्रकार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदी को पूरी दुनिया में स्थापित कर रहे हैं. अब पूरे प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई भी हिंदी में दी जा रही है, जिससे हिंदी भाषी बच्चों को समस्या ना हो. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अटल जी की मंशा थी कि साहित्य को बढ़ावा दिया जाए. इस दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय प्रयास किए. आज यहां हिंदी भवन का भूमि पूजन किया गया है जिससे यहां सभागार में कार्यक्रम हो सकें और बड़े आयोजन हो सकें और अटल जी का स्वप्न पूरा हो.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये मध्य प्रदेश की भूमि है. यदि इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो इस भूमि ने ऐसे नवरत्नों को जन्म दिया है, जिसमें साहित्य के दृष्टिकोण से माखनलाल चतुर्वेदी हो, अटल बिहारी वाजपेयी शामिल हैं. यह मध्य प्रदेश की भूमि साहित्य की दृष्टि से ऐतिहासिक भूमि है. हिंदी साहित्य को एक नई ऊर्जा देने में, दिशा देने में मध्य भारत हिंदी साहित्य सभा की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, जो 1902 में स्थापित हुई. मध्य भारत हिंदी साहित्य सभा ने साहित्य के प्रति, कला के प्रति अपना अतुलनीय योगदान दिया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर ने की. उन्होंने अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तहत मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर उपरोक्त विशेष अतिथियों के अलावा जल संसाधन मंत्री और ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील चंद्र त्रिवेदी सहित अन्य गणमान्य नागरिक, साहित्यकार उपस्थित रहे.