प्रयागराजः गंगा-यमुना की संगम नगरी में गुरुजनों के प्रति संस्कार अभी भी शेष हैं. निखिल भारतीय इतिहास शोध संस्थान ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग के दिवंगत आचार्यों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. स्थानीय ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के आचार्य रहे प्रो आरके द्विवेदी, प्रो वीडी मिश्र, प्रो ओम प्रकाश एवं प्रो सीडी पाण्डेय की स्मृति और कर्म को याद करने के साथ ही ‘ऐतिहासिक शोध के बदलते आयाम’ विषय पर वैचारिक संगोष्ठी भी हुई. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो जेएन पाल ने दिवंगत आचार्यों का स्मरण करते हुए विभागीय गौरव एवं परम्परा पर प्रकाश डाला और इन आचार्यों के ऐतिहासिक कार्यों का वर्णन किया. विशिष्ट अतिथि प्रो राम किशोर शर्मा ने हिंदी एवं इतिहास के सम्बन्धों पर प्रकाश डालते हुए प्रो जीआर शर्मा की चतुर्दिक कीर्ति पर प्रकाश डाला. अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ प्रो एचएन दुबे ने विषय प्रवर्तन कियातथा पौराणिक एवं पुरातात्त्विक आधार पर नवीन अनुसन्धान की सम्भावनाओं पर प्रकाश डाला.
प्राचीन इतिहास के विभागाध्यक्ष प्रो हर्ष कुमार ने विभाग के नव नियुक्त आचार्यों के कंधे पर महान परम्परा की जिम्मेदारी की बात कही और इनकी नियुक्ति के लिए कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव को धन्यवाद दिया. डॉ मानिक चन्द्र गुप्ता ने प्रोफेसर ओम प्रकाश के कर्म और व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. संस्था के अध्यक्ष प्रो प्रवीण मिश्र ने आचार्यों का स्मरण करते हुए सभा के सांगठनिक कार्यों से अतिथियों का परिचय कराया. कार्यक्रम में प्रो राममूर्ति पाठक, प्रो अवधेश कुमार झा, डॉ मीनाश्री यादव, डॉ प्रदीप केसरवानी, डॉ रमा कान्त, डॉ बीरेंद्र मणि त्रिपाठी, डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, डॉ जितेंद्र नौलखा, डॉ पंकज शर्मा, डॉ वन्दना वर्मा, डॉ गिरिजेश शुक्ल, डॉ अमित मिश्रा, डॉ विपिन तिवारी, डॉ प्रत्यञ्चा पांडेय, डॉ प्रिया तिवारी, डॉ रफत अनीस, संजय उपाध्याय, सिंपल त्रिपाठी, डॉ दीपक कांडू, डॉ अमित सिंह, डॉ शैलेश, डॉ अतुल, डॉ संजय, डॉ सर्वेश, डॉ आलोक, डॉ राजेन्द्र, ज्योति रश्मि, रमेश कुमार, सुमित, शिवांश तिवारी आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन डॉ शिवा कान्त त्रिपाठी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रज्ञा मिश्रा ने किया.