नई दिल्लीः ‘बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान 2023’ का पहला सम्मान उर्दू में लिखित उपन्यास ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ के लेखक मोहसिन खान और हिंदी अनुवादक सईद अहमद को दिया गया है. कुल छः पुरस्कारों में 3 उर्दू भाषा की कृतियां शामिल हैं. ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ के अलावा जिन पांच उपन्यासों को उप विजेता पुरस्कार मिला है, उनमें ‘अभिप्रेत काल’, ‘चीनी कोठी’, ‘घर पालनो छेले’, ‘नदीष्ट’ और ‘नेमत खाना’ शामिल हैं. राजधानी में आयोजित एक भव्य समारोह में उर्दू में लिखित ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ उपन्यास के विजेता लेखक मोहसिन खान और हिंदी अनुवादक सईद अहमद को बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान और क्रमशः रु. 21 लाख और रु. 15 लाख की सम्मान राशि प्रदान की गई. अन्य पांच उप विजेता लेखकों और संबंधित हिंदी अनुवादकों प्रत्येक को क्रमशः रु. 3 लाख और रु. 2 लाख की सम्मान राशि से सम्मानित किया गया.
पांच सदस्यीय पुरस्कार निर्णायक समिति की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका गीतांजलि श्री ने की. निर्णायक समिति के अन्य सदस्य हैं कवि अरुण कमल; शिक्षाविद्, आहार आलोचक पुष्पेश पंत; कवि और उपन्यासकार अनामिका और लेखक, अनुवादक प्रभात रंजन. उपविजेता उपन्यासों में ओड़िआ में पारमिता शतपथी द्वारा लिखित और अजय कुमार पटनायक द्वारा हिंदी में अनूदित ‘अभिप्रेत काल’; उर्दू सिद्दीक आलम द्वारा लिखित अर्जुमंद आरा द्वारा अनूदित ‘चीनी कोठी’; बांग्ला में मनोरंजन ब्यापारी द्वारा लिखित ‘घर पलानो छेले’ और हिंदी में अमृता बेरा द्वारा अनूदित ‘भागा हुआ लड़का’; मराठी में मनोज बोरगावकर द्वारा लिखित और गोरख थोरात द्वारा अनूदित ‘नदीष्ट’ और उर्दू में खालिद जावेद द्वारा लिखित और जमान तारिक द्वारा अनूदित ‘नेमत खाना’ शामिल है. याद रहे कि ‘बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान’ को विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित प्रतिष्ठित उपन्यासों और उनके अनूदित और प्रकाशित हिंदी संस्करणों को रेखांकित करने और उन्हें सम्मानित करने के लिए स्थापित किया गया है. बैंक द्वारा की गयी पहल भारतीय भाषाओं को और समृद्ध करने में मदद करेगी और इन उत्कृष्ट कृतियों को एक बड़े पाठक वर्ग को उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगी.