चंबा: हिमोत्कर्ष साहित्य, संस्कृति एवं जन कल्याण परिषद चंबा इकाई की ओर से ऐतिहासिक चंबा चौगान स्थित कला केंद्र में पर्यावरणविद रतन चंद शर्मा के सहयोग से आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी के दौरान एक संगोष्ठी आयोजित हुई, जिसका विषय ‘इंटरनेट के युग में पुस्तकों की प्रासंगिकता’ था. संगोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने इस विषय पर विस्तार से चर्चा की. हिमोत्कर्ष संस्था के अध्यक्ष युगल किशोर पुरी ने पुस्तकों के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को अच्छा और उत्कृष्ट साहित्य पढ़ने के लिए प्रेरित करने पर बल दिया पर्यावरणविद एवं समाजसेवी रतन चंद शर्मा ने अपने अनुभव से युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश की. उन्होंने यह भी बताया कि जिले में अपने प्रयासों से उन्होंने कई स्थानों पर पुस्तकालय भी खुलवाए हैं. मगर वर्तमान समय में युवा पीढ़ी की पुस्तकों के प्रति घटती रुझान के कारण उनमें से कई पुस्तकालय आज बंद हो गए हैं. पुस्तक प्रदर्शनी के जरिए लोगों को पुस्तकों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने का एक बहुत बड़ा प्रयास किया जा रहा है.
संस्था की मीडिया समन्वयक डॉ कविता बिजलवान ने इंटरनेट के लाभ एवं दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा की और कहा कि पुस्तकें व्यक्ति के जीवन की सबसे सच्चा साथी हैं. व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने में पुस्तकें बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं. भागदौड़ भरे जीवन में तनाव को दूर करने में पुस्तकें अत्यधिक सहायक हैं. इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक युद्धवीर टंडन ने भी किताबों के महत्त्व पर प्रकाश डाला. साहित्यकार, कवयित्री रेखा गक्खड़ ने ‘किताबें कुछ कहना चाहती हैं’ तथा ‘ढोलरू वाले’ शीर्षक वाली कविता प्रस्तुत कर सबका मन मोहा, तो कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास मैहला की बालिकाओं ने एक सुंदर भजन से इस संगोष्ठी में चार चांद लगाए. युवा कवयित्री मोनिका व सोनिया ने अपनी अपनी कविताओं से पुस्तकों की उपयोगिता एवं प्रासंगिकता को बताया. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय उदयपुर की छात्रा समीक्षा बनेटू ने भी बहुत ही सुंदर कविता द्वारा पुस्तकों की खूबियों से सभी को परिचित करवाया.