उज्जैन: राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की महाराष्ट्र राज्य इकाई एवं पूना कॉलेज द्वारा आयोजित कबीर जयंती समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष, कुलानुशासक एवं समालोचक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा को कबीर राष्ट्र रत्न साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया. पुणे में आयोजित समारोह में मेजर संजय मिश्र, डॉ राजेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ आफताब अनवर बेग, अशोक अग्रवाल, यशवंत भंडारी और ब्रजकिशोर शर्मा ने प्रो शर्मा को यह सम्मान अर्पित किया. प्रो शर्मा को यह सम्मान उनके द्वारा भक्ति आंदोलन और संतों की वाणी के साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रदेय को लेकर किए गए अविराम लेखन एवं समालोचना के लिए दिया गया. इस अवसर पर प्रो शर्मा ने ‘संत कबीर की वाणी की युगीन प्रासंगिकता’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि कबीर तमाम तरह के मत मतांतर, वाद विवादों से ऊपर उठाकर हमें मनुष्य होने और जीवन के सत्य को जान लेने का आह्वान करते हैं. उनका यह संदेश जीवन में उतरने पर कुछ भी शेष नहीं बचता. मन गंगा की तरह निर्मल हो जाता है. भक्त और भगवान की स्थिति बदल जाती है. कबीर आज अधिक प्रासंगिक हैं, जो बाहरी विभेदों, दूरियों और अहंकार से मुक्त कर वास्तविक लोक धर्म का मार्ग सुझाते हैं. वे भौतिकता की अंधी आंधी में जीवन के वास्तविक स्वरूप को दिखाते हैं.
प्रो शर्मा आलोचना एवं अनुसंधान परक लेखन में विगत तीन दशकों से अधिक समय से निरंतर सक्रिय हैं. उन्होंने साहित्य, संस्कृति, भाषा, लिपि और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उन्होंने शब्द शक्ति संबंधी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिंदी काव्य शास्त्र, हिंदी कथा साहित्य, देवनागरी विमर्श, मालवा का लोकनाट्य माच और अन्य विधाएं, महात्मा गांधी: विचार और नवाचार, आचार्य नित्यानंद शास्त्री और रामकथा कल्पलता, मालवसुत पं सूर्यनारायण व्यास, हिंदी भाषा संरचना, प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य, मालवी भाषा और साहित्य, अवन्ती क्षेत्र और सिंहस्थ महापर्व, हिंदी-भीली अध्येता कोश, सिंहस्थ विमर्श, स्त्री विमर्श: परंपरा और नवीन आयाम, मालव मनोहर सहित निबंध, आलोचना, भाषाशास्त्र, लोक भाषा, लोक संस्कृति आदि विषयों पर पैंतीस से अधिक ग्रंथों का लेखन एवं संपादन किया है. शोध पत्रिकाओं और ग्रंथों में उनके 400 से अधिक शोध एवं समीक्षा निबंध तथा पत्र-पत्रिकाओं में 800 से अधिक कला एवं रंगकर्म समीक्षाएं प्रकाशित हुई हैं.