राजसमंदः मोहन कन्हैया ट्रस्ट की ओर से एक शाम महाराणा प्रताप के नाम से एक काव्य गोष्ठी हुई. शुभारंभ मधु पालीवाल द्वारा की गई सरस्वती वंदना से हुई. गोपाल शर्मा साहसी ने राणा प्रताप के सेनापति हकीम खां सूरी का चरित्र चित्रण करते हुए ‘रणभूमि में मर जाऊं तो कफन केसरी धर देना’ रचना का पाठ किया. चंद्रशेखर नारलाई ने हल्दीघाटी युद्ध का चित्रण करते हुए ‘हल्दी घाटी के शूरवीरों की कथा सुनाने आया हूं’ रचना पढ़ी. कुणाल आचार्य ने ‘मेरा देश मेरी जान मेरा देश महान है’ कविता पढ़ी. काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कवि अफजल खान अफजल, मुख्य अतिथि विकास ग्रुप के डायरेक्टर व समाज सेवी महेंद्र कोठारी, विशिष्ट अतिथि राजस्थान शिक्षक संघ के जिला महामंत्री नारायण सिंह चूंडावत, नरेंद्र चंचल, गोविंद औदीच्य और राधेश्याम राणा आदि थे. काव्य गोष्ठी मंच अध्यक्ष सतीश आचार्य थे. विजय शर्मा ने राणा का चरित्र चित्रण किया. मुकेश शर्मा ने ‘भारी प्रताप का भाला’ कविता पढ़ी. राजकुमार शर्मा ने ‘कलम मोहब्बत की चल जाए तो अच्छा, तस्वीर दुनिया की बदल जाए तो अच्छा’ गजल सुनाई.
मोहम्मद हनीफ शेख रिजवी ने ‘न ठहरा एक भी दुश्मन तेरी यलगार के आगे दबाकर दुम वो भागे सब तेरी ललकार के आगे’ सुनाया. लता आमेटा ने ‘प्रचंड तेज दिनकर सा था जब राणा ने हुंकार भरी’ कविता पढ़ी. मधु पालीवाल ‘राणा की रक्षा के खातिर जहां चेतक नाला कूद गया’, तो नरेंद्र चंचल ने ‘वीर शिरोमणि महाराणा मेवाड़ की शान है’ रचना सुनाई. गोविंद औदीच्य ने ‘चेतक पर चढ़ जिसने भाले से दुश्मन सहारे मातृभूमि के खातिर जंगल में साल गुजारे’ पढ़ा. राधेश्याम राणा ने ‘पंछीड़ा लाल कुंभलगढ़ रो किलो है विशाल’ गीत सुनाया. सतीश आचार्य ने ‘चेतक की टप टप जौहर की ज्वाल यहां राष्ट्रप्रेमियों की तीर्थ भूमि ये मेवाड़ है’ सुनाया. दीपक राजसमंदी ने ‘चांदी सी सुशोभित गंध गुलाबी माटी है, इस माटी को नमन करो ये माटी हल्दीघाटी है’ कविता सुनाई. अफजल खां अफजल ने ‘व्यक्ति बुरे होते हैं कौम नहीं’ कविता का पाठ किया. समाजसेवी महेंद्र कोठारी ने साहित्यिक गतिविधियों हेतु तन मन धन से सहयोग की बात कही. संचालक सूर्य प्रकाश दीक्षित ने पढ़ा ‘मेवाड़ धरा का हर चेहरा प्रताप सा नजर आता है, मातृभूमि का यह टुकड़ा दुनिया को स्वाभिमान सिखाता है’ पढ़ा. कार्यक्रम में विनोद आचार्य, गौरव पालीवाल, कमलेश पालीवाल, ध्रुव श्री दीक्षित, सुनीता दीक्षित, अभिनंदन सिंह राणा भी उपस्थित रहे. अंत में अध्यक्ष सतीश आचार्य ने सबका आभार व्यक्त किया.