बस्तीः राष्ट्रीय प्रतिभा समिति बांदा द्वारा इलाके के वरिष्ठ चिकित्सक, समाजसेवी एवं साहित्यकार डॉ वीके वर्मा के साहित्यिक योगदान को देखते उन्हें ‘साहित्य तपस्वी’ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने घोषणा पर कलेक्ट्रेट परिसर में क्षेत्रीय साहित्यकारों ने खुशी जाहिर कर उनका अभिनन्दन किया. प्रेमचन्द साहित्य एवं जन कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि डॉ वीके वर्मा अपने साहित्यिक सरोकार और सामाजिक जिम्मेदारियों को बखूबी समझते हैं. डॉक्टर वर्मा शब्दों की साधना के साथ ही मरीजों की सेवा में निरन्तर तत्पर रहते हैं. ‘कोविड-19’ की परिस्थितियों को डॉक्टर वर्मा ने नजदीक से देखा है उसके बाद ‘कोविड-19’ काव्य संग्रह लिखा.
डॉ वीके वर्मा अब तक 8 पुस्तकों का सृजन कर चुके हैं. वरिष्ठ साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ ‘मतवाला’ ने कहा कि डॉ वर्मा एक साथ कई विधाओं में खरे उतरते हैं. लोक चेतना के कवि सतीश आर्य ने कहा कि डॉ वर्मा की संवेदनायें कविता के रूप में सामने आती हैं. डॉ वीके वर्मा ने कहा कि वे जो देखते हैं अनुभव करते हैं और जिस परिवेश से गुजरते हैं, वहीं से कविता आकार ले लेती है. उन्होंने बताया कि महात्मा बुद्ध पर केन्द्रित ‘तथागत’ खण्ड काव्य लेखन की प्रक्रिया में हैं जो शीघ्र पाठकों के समक्ष प्रस्तुत होगा. डॉ वीके वर्मा को ‘साहित्य तपस्वी’ सम्मान से सम्मानित किये जाने पर श्याम प्रकाश शर्मा, पं चन्द्रबली मिश्र, डॉ राजेन्द्र सिंह ‘राही’ डॉ अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ असद वस्तवी, बीके मिश्र, पंकज सोनी, राघवेन्द्र शुक्ल मृदुल, दीपक सिंह प्रेमी, दीनानाथ यादव, विनय मौर्य आदि ने प्रसन्नता व्यक्त किया है.