नई दिल्ली: “विद्यार्थी परिषद या संघ का विचार सोच को व्यापक बनाता है. वह व्यक्तियों को द्वेष से नहीं, देश प्रेम से भर देता है, और अपनी ही व्यवस्था में कार्यकर्ता बनाकर नहीं रखता है, बल्कि देश सेवा और व्यक्तिगत जीवन में भी आगे बढ़ने का मौका देता है और देश सेवा के लिए प्रेरित करता है.” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने राजधानी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में रामानंद द्वारा संपादित पुस्तक ‘हमारा जीवन हमारी यादें’ का विमोचन करते हुए यह बात कही. आंबेकर ने कहा कि संघ के साथ इस यात्रा में लोग इतने मजबूत हो जाते हैं कि जीवन में अगर कोई संकट आता है, तो वे अपना रास्ता खुद निकालते हैं. वे परिस्थितियों के दबाव के शिकार नहीं बनते हैं; और तो और वे परिस्थितियों के दबाव में नकारात्मक न होकर सकारात्मक रास्ता चुनते हैं. यह पुस्तक बहुत सुंदर ढंग से उपर्युक्त विचार को प्रस्तुत करती है.

कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सामाजिक सद्भाव भाषणों से नहीं आता, सभी को हृदय में जगह देने से आता है. यह पुस्तक इसी भाव की सुंदर अभिव्यक्ति है. हम सभी कहानियों के संसार में रहते हैं, प्रत्येक कहानी का उद्देश्य होता है. इस पुस्तक में प्रस्तुत कहानियों में केवल घटनाओं का नहीं, बल्कि वातावरण का भी बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुतीकरण हुआ है. ‘हमारा जीवन हमारी यादें’ पुस्तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े समाज के सीमांत सामाजिक समूहों के चार सामान्य पृष्ठभूमि के व्यक्तित्वों आशा लकड़ा, स्वर्गीय अनिकेत, कलीराम, धनराज की विषम परिस्थितियों तथा निरंतर संघर्ष में तपकर आगे बढ़ने की गाथा को बेहद रचनात्मक तथा सरल ढंग से प्रस्तुत करती है. पुस्तक विमोचन समारोह में संपादक रामानंद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल के साथ ही कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.