नई दिल्ली: हिंदी की प्रख्यात लेखिका और उपन्यासकार गीतांजलि श्री को उनके उपन्यास रेत समाधि के अनुवाद टांब आफ सैंड पर बुकर पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। रेत समाधि का अनुवाद डेजी राकवेल ने किया है। रेत समाधि हिंदी भाषा की पहली कृति है जिसके अनुवाद को अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। पुरस्कार की घोषणा के बाद गीतांजलि श्री ने कहा, मेरे लिए यह बिलकुल अप्रत्याशित है लेकिन अच्छा है। मैंने कभी बुकर का सपना नहीं देखा था और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं यह पुरस्कार हासिल कर सकती हूँ। यह बहुत बड़े स्तर की मान्यता है जिसको पाकर मैं विस्मित हूँ. मैं प्रसन्न, सम्मानित और विनम्र महसूस कर रही हूँ। मैं बुकर फाउंडेशन और बुकर जूरी को धन्यवाद देती हूँ कि उन्होंने रेत- समाधि को चुना। इसके पुरस्कृत होने में एक उदास संतुष्टि है। रेत-समाधि इस दुनिया की प्रशस्ति है जिसमें हम रहते हैं, एक विहंसती स्तुति जो आसन्न कयामत के सामने उम्मीद बनाए रखती है। बुकर निश्चित रूप से इस उपन्यास को कई और लोगों तक ले जाएगा, जिन तक अन्यथा यह नहीं पहुँच पाता।
गीतांजलि श्री के उपन्यास के अनुवाद को दुनिया की तेरह कृतियों के बीच से सम्मान के लिए चुना गया है। गीतांजलि श्री का ये उपन्यास मूल रूप से हिंदी में लिखा गया है जिसे राजकमल प्रकाशन ने 2018 में प्रकाशित किया था। राजकमल प्रकाशन के अशोक महेश्वरी ने गीतांगलि श्री को पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि ‘रेत-समाधि’ को इंटरनेशनल बुकर प्राइज़ दिया जाना हिन्दी समेत सभी भारतीय भाषाओं में लिखे जा रहे साहित्य के लिए विशिष्ट उपलब्धि है। इससे स्पष्ट हो गया है कि हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं का उत्कृष्ट लेखन दुनिया का ध्यान तेजी से आकर्षित कर रहा है।
गीतांजलि श्री की कृति का अनुवाद जब बुकर के लिए शार्टलिस्ट हुआ था तब से हिंदी जगत में इस बात को लेकर एक उम्मीद थी कि गीतांजलि श्री को ये पुरस्कार मिल सकता हो। जब जूरी के सदस्यों ने गीतांजलि श्री के नाम की घोषणा की तो हिंदी जगत में खुशी की लहर दौड़ गई। निर्णायकों ने टांब आफ सैंड को बेहद शानदार कृति बताते हुए घोषणा की। हिंदी जगत में इस घोषणा के बाद उत्साह है और कई लेखक इंटरनेट मीडिया पर गीतांजलि श्री को बधाई दे रहे हैं। कथाकार धीरेन्द्र अस्थाना ने लिखा हिंदी की पहली किताब को अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार और इस किताब की लेखिका हैं गीतांजलि श्री। हिंदी वालों सहित पूरे देश का मान बढ़ाने के लिए शुक्रिया रेत समाधि। जानी मानी कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ ने भी गीतांजलि श्री को बधाई दी और कहा कि हिंदी का गौरव…गीतांजलि श्री की रेत समाधि को बुकर मिला है। ढेर सारी बधाई। लेखक राजीव कुमार ने भी गीतांजलि श्री को बधाई देते हुए लिखा, गीतांजलि श्री की पुस्तक रेत समाधि (टांब आफ सैंड) को बुकर प्राइज मिलना हिंदी साहित्य के इतिहास का गौरवशाली क्षण।