ग्वालियर: 'किस्सा कोताह' का वार्षिक उत्सव स्थानीय कुंदन गेस्ट हाउस में संपन्न हुआ. इस अवसर पर देश भर से आए 10 साहित्यकारों की नवीन कृतियों का विमोचन और हाल के दो वर्षों में विभिन्न विधाओं की पुस्तकों के लिए 26 साहित्यकारों को 'कृति सम्मान' से विभूषित किया गया. जिन कृतियों का विमोचन हुआ, उनमें राज नारायण बोहरे का उपन्यास 'आड़ा वक्त' और 'अस्थान', पद्मा शर्मा का उपन्यास 'लोकतंत्र के पहरुए', श्याम सुंदर तिवारी का गीत 'लौट चलें जोगी' और 'हेमहंसिनि', शैलेंद्र शरण का कविता संकलन 'सूखे पत्तों पर चलते हुए', शिवमंगल सिंह की बाल कथा 'मुझसे दोस्ती करोगे' और बाल उपन्यास 'अंतरिक्ष की सैर', ए. असफल की 'मेरी प्रिय बाल कहानियां' और छत्रपाल सिंह जादौन  का ग़ज़ल संग्रह 'गुलमोहर' शामिल है. इस सत्र में मेहमान साहित्यकारों के साथ स्थानीय साहित्यकार भी रचना पाठ भी किया. सत्र का संचालन ए. असफल ने किया. अध्यक्षता ग्वालियर के पत्रकार-साहित्यकार राकेश अचल ने किया. मुख्य अतिथि कथाकार शिव अवतार पाल थे.
वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन प्रथम सत्र में 'कृति-सम्मान' प्रदान किया गया. जिसमें ग्वालियर के पत्रकार देव श्रीमाली को 'साहित्येतर किस्सा कोताह कृति-सम्मान' दिया गया. इनके अलावा त्रिलोक महावर, डॉ नरेश अग्रवाल, डॉ योगिता वाजपेयी 'कंचन', दिनकर कुमार, सोनू यशराल, डॉ गीता शर्मा, स्नेह गोस्वामी, डॉ निधि अग्रवाल, सतीश सरदाना, संत कुमार मालवीय, डॉ संध्या तिवारी, विजयानंद 'विजय', रीमा दीवान चड्डा, सुनीता पाठक, डॉ प्रतिभा त्रिवेदी, डॉ देवेन्द्र तोमर, हरगोविन्द मैथिल, गुरूदयाल कनौजिया,अरूण सातले, शिवमंगल सिंह, आलोक मिश्रा, गीता चौबे 'गूंज', चारू चित्रा, अर्चना मिश्रा, हरिओम सिंह 'विमल' को सम्मानित किया गया. सत्र की अध्यक्षता कथाकार राजनारायण बोहरे एवं अध्यक्ष की आसंदी पर प्रमोद भार्गव विराजित थे. प्रशस्ति पत्र का वचन डॉ रश्मि चौधरी ने और संचालन ए असफल ने किया. द्वितीय सत्र में साहित्यकारों ने रचना पाठ किया गया. इस सत्र की अध्यक्षता श्यामसुंदर तिवारी एवं मुख्य अतिथि शैलेंद्र शरण रहे. संचालन डॉ आशा वर्मा द्वारा किया गया.