नई दिल्ली. नई पीढ़ी के लेखन से ही हिंदी साहित्य और समाज को नई ऊर्जा मिलेगी. उसे पता है कि बाजार के लिए लिखना बाजारू होना नहीं है. विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय युवा अपनी न केवल अपनी अस्मिता को लेकर सजग हैं बल्कि अपनी जिम्मेदारी को भी बखूबी समझ रहे हैं. वे उन खतरों से भी गहरे वाक़िफ़ हैं जिनको खत्म किए बिना समाज लोकतांत्रिक और समावेशी नहीं हो सकता. ये विचार सामने आए सोमवार शाम 'भविष्य के स्वर' में, जिसमें अपने-अपने काम से नई लकीर खींच चुके सात युवाओं ने अपना अपना अनुभव और नजरिया साझा किया. इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित राजकमल प्रकाशन की 75वीं वर्षगांठ पर हिंदी भाषाभाषी समाज के साहित्यिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक परिवेश को उन्नत बनाने में राजकमल प्रकाशन की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई. इस अवसर पर आयोजित 'भविष्य के स्वर' विषय पर चर्चा में जिन सात युवा प्रतिभाओं ने व्याख्यान दिया, उनमें यायावर-लेखक अनुराधा बेनीवाल; अनुवादक, यायावर-लेखक अभिषेक श्रीवास्तव; लोकनाट्य अध्येता, रंग-आलोचक अमितेश कुमार; अध्येता-आलोचक चारु सिंह; लोक-साहित्य अध्येता, कथाकार जोराम यालाम नाबाम; और चित्रकार, फैशन डिजाइनर मालविका राज शामिल थे.
राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कार्यक्रम की शुरुआत में 75 सालों के सफर की चर्चा की और कहा कि यह हमारा विचारपर्व है. इसके जरिये हमारा मकसद साहित्य समेत विभिन्न क्षेत्रों में नई लकीर खींच रहे युवाओं के अनुभवों और सपनों को स्वर देना है. हमें उम्मीद है कि भविष्य के स्वर-2022 से निकले विचार निश्चय ही प्रेरक होंगे. शुरुआत अमितेश कुमार के 'रंगमंच, लोकतंत्र और समाज: भविष्य के सवाल' पर व्याख्यान से हुई. चारु सिंह साहित्य का 'इतिहास लेखन और नई दिशाएं' विषय पर बात की. अरुणाचल प्रदेश के न्यीशी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली लेखक जोराम यालाम नाबाम ने 'धर्म और धर्मसत्ता का द्वंद: आदिवासी जीवन दर्शन का भविष्य' विषय पर बात रखी. अनुराधा बेनीवाल ने 'धारणाओं से बाहर की दुनिया' तो मालविका राज ने 'परंपरागत कला का पुनरावलोकन: अस्मिता की दावेदारी' पर व्याख्यान दिया. 'भविष्य का हिन्दी लेखन और लेखक की भूमिका' पर नीलोत्पल मृणाल ने तो अभिषेक श्रीवास्तव ने 'सांस्कृतिक टकरावों के दौर में अनुवाद की भूमिका' विषय पर अपनी बात रखी. इस अवसर पर राजकमल प्रकाशन की ओर से अपने दो वरिष्ठ कर्मियों आर चेतनक्रांति और मुन्नालाल पांडेय को राजकमल पाठक मित्र सम्मान 2022 भी प्रदान किया गया.