नई दिल्ली: संगीत नाटक अकादमी और स्वर संसार वेलफ़ेयर एंड कल्चरल सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में मेघदूत प्रेक्षागृह में लंदन निवासी वरिष्ठ शास्त्रीय गुरु-संगीतकार पंडित विश्व प्रकाश द्वारा संगीतबद्ध एवं वरिष्ठ कवि-गीतकार डॉ राजीव श्रीवास्तव द्वारा रचित साहित्यिक गीतों, नज़्मों और ग़ज़लों के लोक माधुर्य से सजे काव्य और नृत्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति ग़ज़ल गायक यतीश आचार्य एवं गायिका कृतिका श्रीवास्तव द्वारा 'सरस्वती मां जय सरस्वती, स्वस्तिक मंगल मूरती' वंदना से हुआ. आचार्य ने 'है मुहब्बत जो मुझसे जताया करो' और 'सुन पयाम-ए-मुहब्बत का इश्किया बयान' सुनाकर श्रोताओं को विभोर कर दिया. कृतिका श्रीवास्तव की एकल प्रस्तुति 'रच दे पिया मोरे मन पे प्रेम का पहला श्लोक', 'मैंने तुमसे प्यार किया है', 'कैसा तेरा अभिमान पिया', 'प्रेम पिया संजीवनी तेरा' जैसे गीत सुनाए, तो यतीश आचार्य के संग युगल रूप से 'नींद नहीं आती है चैन चला जाता है', 'नैनन के रस्ते पिया मन में समाए', 'चित्त के चिरैया से जियरा चुराया' को सुनाकर मन मोहा.
डॉ राजीव श्रीवास्तव रचित गीतों के गायन के क्रम में गायिका आस्था उदिनिया द्वारा 'होली खेलूं मैं तो साजन के संग', 'अधरों का मौन पर नैना तो बोले' और युवा गायिका इशिका मल्होत्रा की प्रस्तुति 'बलमा अनाड़ी बेदर्दी बेईमनवा', 'आ तो जाऊंगी पर कैसे रूक पाऊंगी, सांझ ढलते पिया मैं चली जाऊंगी' ने श्रोताओं का मन मोह लिया. ओडिसी नृत्य गुरु द्वय पंचानन भुइयां एवं प्रियम्बदा सामंतराय के निर्देशन में शिव-पार्वती पर रचित डॉ राजीव श्रीवास्तव का गीत 'अनवरत व्रत पार्वती करे देवादिदेव हिय शिव स्तुति' पर युवा ओडिसी नृत्यांगना शाम्भवी महेश ने की नृत्य प्रस्तुति भी मनोहारी थी. कार्यक्रम का कुशल संचालन किशोर कौशल द्वारा किया गया. वादकों की मंडली में बांसुरी पर सतीश पाठक, सितार यतीन्द्र वेद, तबला मोहित राज, पखावज प्रफुल्ल माँगराज, ऑक्टोपैड पर धर्मेश तथा हारमोनियम पर पंडित विश्व प्रकाश ने संगत से सभी का मन मोह लिया. आखिरी प्रस्तुति पं विश्व प्रकाश द्वारा गाया गीत 'तुमने फिर आज मुझको रुला ही दिया' थी. संगीत नाटक अकादमी की उप सचिव डॉ रीता स्वामी चौधरी, जर्मन की ह्यूबर ग्रुप कंपनी के महाप्रबंधक राजीव रंजन तथा लेखिका रिंकल शर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय थी.