सुल्तानगंज: अजगैवीनाथ साहित्य मंच की एक बैठक स्थानीय बालू घाट रोड स्थित आर्य -भवन में हुई, जिसकी अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष भवानंद सिंह ने की. इस अवसर पर एक कवि गोष्ठी भी हुई. इस बैठक में अंगिका भाषा को भारतीय जनगणना आयोग द्वारा संबंधित प्रपत्र में भाषाई कोड के साथ अपेक्षित कोड नहीं दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की गई. वक्ताओं ने माना कि इससे अंगिका भाषा की प्रासंगिकता पर भविष्य में समस्या आएगी. इस अवसर पर अध्यक्ष भवानंद सिंह ने कहा कि भारतीय जनगणना आयोग द्वारा जनगणना प्रपत्र में अंगिका के लिए भाषा का कोड निर्गत नहीं करना अंगिका भाषा की प्रासंगिकता और उसकी पहचान पर प्रहार है. यह अंग जनपद की भावनाओं पर सीधा कुठाराघात है, जो असहनीय है.

अंगिका के कवि सुधीर कुमार प्रोग्रामर ने कहा कि यह षड़यंत्र हमारी अस्मिता के खिलाफ है, जिसे लड़ाई से समाप्त करेंगे. उन्होंने बताया कि हमने सबसे पहले संबंधित रजिस्ट्रार को इसका संज्ञान पत्र के माध्यम से कराया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि अंगिका भाषा हमारी रोजी रोटी से जुड़ा विषय है, जिसकी उपेक्षा हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. उनकी इस बात पर अन्य वक्ताओं ने भी सहमति जताई और अपने-अपने विचार व्यक्त किए. इसके पश्चात हुई कवि गोष्ठी में अंगिका के कवि सुधीर प्रोग्रामर, मनीष गुंज, डॉ श्याम सुन्दर आर्य, ऊषा किरण साहा, भावानंद सिंह ने अपनी रचना प्रस्तुत की. बैठक के आरंभ में अजगैवीनाथ साहित्य मंच के संस्थापक स्व. उमानाथ पाठक की पत्नी साहित्य सेवी मनोरमा देवी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.