कोलकाताः संस्कृति, कला, समाज सेवा, साहित्य को समर्पित संस्था नीलांबर 16 से 18 दिसंबर को सियालदह के बीसी रॉय ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय स्तर का साहित्य उत्सव 'लिटरेरिया 2021' आयोजित कर रही है. इस दौरान साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के तहत संगोष्ठी, कविता, कहानी, नाटक, नृत्य, संगीत जैसी विधाओं की प्रस्तुति की जाएगी. इस दौरान कई तरह के सम्मान दिए जाएंगे. इस दौरान संस्था द्वारा दिया जाने वाला 'निनाद सम्मान' हिमोजी फेम अपराजिता शर्मा को दिया जाएगा. वे अब इस दुनिया में नहीं हैं. देश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में से एक मिरांडा हाउस दिल्ली में प्राध्यापक रहीं अपराजिता बचपन से ही चित्रकला की शौक़ीन रहीं. वर्ष 2016 में चित्रभाषा के रूप में उन्होंने हिमोजी नाम से वर्चुअल दुनिया को एक ऐप दिया. जिसे देवनागरी लिपि का पहला इमोजी ऐप कहा गया. हिमोजी ने हिंदी की वर्चुअल दुनिया को अभिव्यक्ति की नई भंगिमा दी जिससे कि वो अपनी ज़ुबान में हंसने -रोने -गाने-चहचहाने में सक्षम हो सके. अपराजिता एक ऐसी कलाकार थीं जिनकी रचनात्मक दुनिया व्यापक और अद्भुत थी. उन्होंने रंग चित्रों और चित्र भाषाओं से कला और साहित्य को समृद्ध किया.
डेस्कटॉप कैलेंडर, पुस्तक आवरण आदि के अतिरिक्त अपराजिता 'अलबेली' नामक इलस्ट्रेशन से वर्चुअल दुनिया में एक सशक्त हस्ताक्षर बन कर उभरीं. जो देश-काल से बंधी रहती हैं और जनहित पक्षधरता व स्त्रीवाद को अपने तरीक़े से मुखर करती.जो काम किसी बड़े वित्त पोषित प्रोजेक्ट्स के तहत शायद कभी किया जाता वही काम हिंदी की वर्चुअल दुनिया को तोहफ़े के तौर पर सौंप दिया. रचनाशीलता के उनके जुनून ने अलबेली के माध्यम से जीवन सौंदर्य को सबके लिए आकर्षक एवं कलात्मक बना दिया. वे उत्कृष्ट अध्यापन के लिए विद्यार्थियों की पसंदीदा रहीं, इसीलिए मिरांडा हाउस कॉलेज ने उन्हें पुरस्कृत भी किया था. हंस, कथन, स्त्री-काल आदि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनका लेखन लगातार प्रकाशित भी होता रहा है. हृदयाघात के कारण कम उम्र में ही 15 अक्तूबर, 2021 को वे इस दुनिया को विदा कह गईं पर पीछे स्वरचित कला का खज़ाना छोड़ गईं. उन्हें यह सम्मान नीलांबर द्वारा आयोजित साहित्य उत्सव 'लिटरेरिया 2021' के दौरान 18 दिसंबर को दिया जाएगा. कार्यक्रम में देश भर से कई युवा और वरिष्ठ साहित्यकार-कलाकार शामिल हो रहें हैं. नीलांबर कोलकाता के उपसचिव एवं मीडिया प्रभारी आनंद गुप्ता के मुताबिक कोलकाता के साहित्यिक परिवेश में लगातार पांचवे वर्ष नीलांबर यह आयोजन कर रही है.