नई दिल्ली: उड़िया की लेखिका पारमिता शतपथी की हिंदी में अनूदित तीन पुस्तकों का लोकार्पण आलोचक मैनेजर पांडे ने साहित्य अकादमी सभागार में किया। पारमिता की तीन पुस्तकों उपन्यास अभिप्रेत काल, कहानी-संग्रह प्राप्ति और कविता-संग्रह तुम और शब्द के लोकार्पण के बाद चर्चा सत्र का आयोजन हुआ। मैनेजर पांडेय ने कहा कि  पारमिता शतपथी और उनका साहित्य दोनों से उका परिचय है। उड़िया के सारे लेखक ज्ञान और संवेदना के लेखक हैं।

चर्चा में शामिलआलोचक चंद्रकला सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्राध्यापक रेखा सेठी और साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश कर्दम ने भी हिस्सा लिया।  पारमिता शतपथी ने साहित्य पर अपने विचार रखे और अपनी दो कविताएं भी सुनाईं। उन्होंने कहा, इसके बाद  प्रलेक प्रकाशन समूह के अनुवादक डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिश्र ने ओड़िआ से हिंदी अनुवाद के  संबंध  में अपने अनुभव सुनाए। लोकर्पण में उपस्थित साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवयित्री अनामिका तथा  उपन्यासकार गीतांजलि श्री ने पारमिता  के स्त्री लेखन और कविताओं अपने व चार रखे।

इस अवसर पर ज्ञानेशवर मुले, आशीष कंधवे, नारायण कुमार, रणजीत साहा, हरिसुमन बिष्ट, कुमार अनुपम, ब्रजेंद्र त्रिपाठी, ओम प्रकाश सिंह, राम गोपाल शर्मा, महेश दर्पण के अलावा हिंदी के अनेक साहित्यकार उपस्थित थे. पारमिता के उपन्यास 'अभिप्रेत काल' का हिंदी अनुवाद किया है जाने-माने साहित्यकार अजय कुमार पटनायक ने और इसे प्रकाशित किया है मुंबई के प्रलेक प्रकाशन ने. कहानी-संग्रह प्राप्ति और कविता-संग्रह तुम और शब्द का अनुवाद राजेंद्र प्रसाद मिश्र ने किया है। 'प्राप्ति' का प्रकाशन साहित्य अकादेमी और कविता-संग्रह 'तुम और शब्द' का प्रकाशन आलोकपर्व प्रकाशन द्वारा किया गया है। उल्लेखनीय है कि 'प्राप्ति' कहानी संग्रह के लिए पारमिता शतपथी को वर्ष 2016 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । उपन्यास अभिप्रेत काल को ओडिशा के सर्वोच्च शारला सम्मान से 2021 से अलंकृत किया गया है।

(प्रेवि)