लखनऊ: वर्ष 2021 के लिए आनंद सागर स्मृति कथाकार सम्मान हिंदी के चर्चित कहानीकार पंकज मित्र को देने की घोषणा की गई है। इस सम्मान को देने का फैसला वरिष्ठ कथाकार शिवमूर्ति, रंगकर्मी राकेश और उपन्यासकार रजनी गुप्त की जूरी ने किया। कथाक्रम समिति के संयोजक उपन्यासकार शैलेन्द्र सागर भी जूरी में थे। प्रतिवर्ष हिंदी के एक कथाकार को कथाक्रम सम्मान दिया जाता है जिसके अंतर्गत पंद्रह हजार रुपए धनराशि, सम्मान चिन्ह और पत्रक भी प्रदान किया जाता था। इस वर्ष से पुरस्कार राशि को बढ़ाकर इक्कीस हजार रुपए कर दी गई है। विगत वर्षों में ये पुरस्कार संजीव, कमलाकांत त्रिपाठी, चंद्रकिशोर जायसवाल, मैत्रेयी पुष्पा, दूधनाथ सिंह ओमप्रकाश वाल्मीकि, शिवमूर्ति, असगर वजाहत, भगवानदास मोरवाल, महेश कटारे, अब्दुल बिस्मिल्लाहस्वंय प्रकाश आदि को प्रदान किया जा चुका है।
13 जनवरी 1965 को रांची में जन्मे कथाकार पंकज मित्र हिंदी कथा परिदृश्य पर नब्बे के दशक में सामने आए कथाकारों में अग्रिम पंक्ति में हैं। उनकी कहानियों में गांव और कस्बे का यथार्थअपनी धड़कनों और हलचलों के साथ प्रकट होता है। साथ ही उनमें समकालीन हिंदी समाज की विसंगतियों और बाजारवाद से मुठभेड़ भी है। उनकी देशज भाषा में बोलियों की मिठास भी है। अबतक उनके चार कहानी संग्रह प्रकाशित होकर चर्चित हो चुके हैं। पंकज मित्र को भारतीय भाषा परिशद औऐर बनमाली सम्मान समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। पंकज मित्र को कथाकार सम्मान कथाक्रम समारोह के अवसर पर 21 नवबंर को लखनऊ में प्रदान किया जाएगा।
(प्रेवि)