देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित साहित्य गौरव सम्मान समारोह तथा लोक भाषा सम्मेलन में साहित्यकार महावीर रवांल्टा सहित 9 साहित्यकारों को उत्तराखंड गौरव सम्मान से सम्मानित किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से प्रदेश में स्थानीय भाषाओं के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में की बोलियों व उनमें रचे जा रहे साहित्य को भी प्रोत्साहन मिलेगा. देश के अनेक साहित्यकारों ने हिंदी को विश्व पटल पर स्थापित करने में महान योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी बोलियां बोली जाती हैं, परन्तु हमारे प्रदेश का हिंदी से गहरा लगाव है. उन्होंने इसे सुखद संयोग बताया कि साहित्य गौरव सम्मान पाने वाले साहित्यकारों में वे साहित्यकार भी शामिल हैं, जो अनेक विशिष्ट बोलियों में रचना कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो समाज अपनी भाषा और बोलियों का सम्मान नहीं करता वह अपनी प्रतिष्ठा गवां देता है. अपनी भाषा व बोलियों को बचाने और उन्हें बढ़ाने के कार्य में आम लोगों की व्यापक सहभागिता की जरूरत है. इस महत्त्वपूर्ण कार्य को हम सभी को अपने घर के भीतर से आरम्भ करना होगा. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता हेतु 12 फरवरी, 2022 को जनता से हमने वादा किया था कि हम समान नागरिक संहिता लाएंगे. इसे लागू करने हेतु गठित समिति द्वारा डेढ़ साल में 2 लाख से भी ज्यादा लोगों के सुझाव, विचार लिए और अब इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार है. इस अवसर पर भाषा विभाग के मंत्री सुबोध उनियाल, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो गिरीश्वर मिश्र, साहित्यकार एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, विधायक मोहन सिंह बिष्ट, प्रमोद नैनवाल आदि उपस्थित थे.