हाल ही में मनोहर श्याम जोशी पर किताब लिखकर चर्चा बटोर रहे प्रभात रंजन दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाते हैं। इसके पहले उन्होंने मुजफ्फरपुर की बाइयों की परंपरा पर कोठागोई नाम की किताब लिखी थी। प्रभात रंजन ने कई कहानियां भी लिखी हैं और दर्जनों पुस्तकों का अनुवाद भी किया है। दैनिक जागरण वार्तालाप के लिए अनंत विजय ने प्रभात रंजन से बातचीत की।
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