नई दिल्लीः कला और साहित्य के लिए समर्पित संस्था राग-विराग द्वारा दिया जाने वाला 14वां शीला सिद्धान्तकर स्मृति सम्मान इस साल कवयित्री सुधा उपाध्याय को दिया जाएगा. अपने सोशल मीडिया पेज पर अपने परिचय में 'पेशे से अध्यापक, दिल से शोधकर्ता, दिमाग से समीक्षक और कुल मिलाकर अब भी विद्यार्थी रहना चाहती हूं' लिखने वाली सुधा उपाध्याय को यह पुरस्कार उनके कविता संकलन 'इसलिए कहूंगी मैं' के लिए दिया जा रहा है. सम्मान समारोह आगामी 7 अप्रैल को नई दिल्ली के त्रिवेणी सभागार में आयोजित किया गया है. सुधा उपाध्याय को यह सम्मान डॉ नूर जहीर द्वारा प्रदान किया जायेगा. समारोह की अध्यक्षता प्रोफेसर नित्यानंद तिवारी करेंगे और डॉ आशुतोष कुमार मुख्य वक्ता होंगे. इस समारोह के दूसरे भाग में राग विराग कला केंद्र के कलाकारों द्वारा कथक नृत्य प्रस्तुति भी होगी, जिसकी कोरियोग्राफी पुनीता शर्मा करेंगी.
राग विराग संस्था की ओर से इस आशय की घोषणा शिवमंगल सिद्धान्तकर, नारायण कुमार, रवीन्द्र के दास, पुनीता शर्मा ने दी. साहित्य और कला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित यह सम्मान काफी नामीगिरामी साहित्यकारों को मिल चुका है, जिसमें नीलेश रघुवंशी, पवन करण, निर्मला पुतुल, मंजरी दुबे, अनीता वर्मा, पंजाबी कवि नीतू अरोड़ा, रजनी अनुरागीसोनी पांडेय और कवयित्री ओमलता जैसे नाम शामिल हैं. पिछले साल यह सम्मान मराठी भाषा की ख्यात युवा कवि कल्पना दुधाल को उनकी दूसरी काव्य कृति 'धग असतेच' के लिए दिया गया था.