पटनाः बिहार भर में कालजयी रचनाकार जयशंकर प्रसाद को उनकी 133वीं जयंती पर जगह-जगह याद किया गया. नवादा के स्टेशन रोड पर जयंती समारोह आयोजित किया. दीप प्रज्ज्वलन, महाकवि के चित्र पर पुष्प अर्पण के पश्चात वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जयशंकर प्रसाद की रचनाएं समाज में हमेशा प्रासंगिक बनी रहेंगी. वे हिंदी साहित्य की सभी विधाओं पर समान अधिकार रखते थे. महाकाव्य 'कामायनी' के अतिरिक्त उन्होंने चंद्रगुप्त, स्कंदगुप्त आदि नाटक, उपन्यास और कई अद्भुत कहानियां लिखीं. लगभग 48 वर्षों के अपने संक्षिप्त जीवन में उन्होंने कई कालजयी रचनाएं दी. कवि दयानंद गुप्ता ने महाकाव्य कामायनी के रहस्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि महाकवि ने जीवन के आखिरी दिनों में इस महाकाव्य की रचना की थी. कामायनी को अद्भुत शास्त्र कहा जाता है. ज्ञान, भाव और कर्म की बुनियाद पर लिखे इस महाकाव्य में मानव के देवत्व पर श्रेष्ठता की उद्घोषणा का भी संकेत मिलता है. उन्होंने कहा कि महाकवि के मन में महिलाओं के प्रति अगाध श्रद्धा थी. उनकी एक प्रसिद्ध उक्ति थी, नारी तुम श्रद्धा हो. उनका मानना था की श्रद्धा के बिना प्रेम नहीं हो सकता. कार्यक्रम की अध्यक्षता भोला प्रसाद गुप्ता ने की. इस अवसर पर महाकवि जयशंकर प्रसाद जयन्ती समारोह स्मृति भवन राजगीर के अध्यक्ष रणविजय कुमार, कोषाध्यक्ष जीतेन्द्र कुमार गुप्ता, जयप्रकाश गुप्ता, अर्जुन प्रसाद, श्रवणनाथ गुप्ता, वार्ड आयुक्त रंजीत कुमार, अविनाश गुप्ता, भरत प्रसाद गुप्ता सहित दर्जनों गणमान्य लोग उपस्थित थे. 

फारबिसगंज में भी इंद्रधनुष साहित्य परिषद की ओर से प्रोफेसर कॉलोनी में प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में प्रसाद की जयंती मनाई गई. समारोह का संचालन संस्था के संस्थापक सचिव विनोद कुमार तिवारी ने किया. इस मौके पर सर्वप्रथम प्रसाद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. समारोह को संबोधित करते हुए बाल साहित्यकार हेमंत यादव शशि व साहित्यकार सुनील दास ने कहा कि प्रसाद को हिंदी साहित्य में छायावाद की स्थापना का श्रेय दिया जाता है. वे भावना प्रधान कहानी लिखने के लिए प्रसिद्ध थे. अरविन्द ठाकुर ने कहा कि प्रसाद विभिन्न साहित्यिक विधाओं में पारंगत थे. प्रधानाध्यापक हर्ष नारायण दास ने कहा कि खड़ी बोली में काव्य लिखने वाले वे श्रेष्ठ कवि और छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं. शेरमारी में भी महान कवि, कहानीकार, नाटककार जयशंकर प्रसाद की जयंती धूमधाम से मनाई गई. अध्यक्षता प्रवीण साह पिंकू ने की. इस अवसर पर उपस्थित लोगों में विपिन साह, साजो जायसवाल, बबलू गौड़, अमित गुप्ता आदि शामिल थे. पूर्णिया में भी कानू हलवाई विकास मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रसाद को याद किया गया. इस अवसर पर दिलीप कुमार दीपक, रंजीत गुप्ता, वीरेंद्र कुमार साह, अशोक कुमार साहो, पंकज कुमार साह, भानु प्रसाद, शंभू प्रसाद आदि उपस्थित थे.