देहरादून: दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कालेज में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती एवं कवि दिवस के उपलक्ष्य में ‘हिंदी साहित्य के विकास में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त एवं डा जगदीश गुप्त का योगदान’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ. इस अवसर पर कवि, साहित्यकार एवं भारत सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक को राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रचार प्रसार एवं उत्थान में अप्रतिम योगदान देने के आलोक में डा जगदीश गुप्त गीतांजलि संस्थान एवं हंसराज कालेज ने ‘डा जगदीश गुप्त साहित्य शिखर सम्मान’ से सम्मानित किया. ज्ञातव्य है डा निशंक ने 110 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं और अपनी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए उन्हें पंद्रह से अधिक देश सम्मानित कर चुके हैं. डा निशंक के साहित्य पर तीस से अधिक शोध हो चुके हैं या हो रहें हैं. डा निशंक ने आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया.
निशंक ने कहा कि मैं इसे अपने पाठकों को समर्पित करता हूं जिनके स्नेह ने मुझे सदैव कुछ लिखने के लिए, कुछ अभिव्यक्त करने हेतु प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह अत्यंत गौरव और हर्ष का विषय है कि विश्व के सौ करोड़ से ज्यादा लोगों द्वारा हिंदी भाषा को समृद्ध साहित्य के साथ-साथ व्यापक क्षेत्र में संप्रेषण माध्यम के रूप में प्रयुक्त किया जाता है. निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति में महात्मा गांधी की नई तालीम के माध्यम से बच्चों में एक नई वैचारिक क्रांति जगाने के लिए संकल्पबद्ध हैं. विश्व स्तर पर विकास और उत्कृष्टता के उच्चतर स्तर तक पहुंचने के डा जगदीश गुप्त गीतांजलि संस्थान लखनऊ एवं हंसराज कालेज दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की. कार्यक्रम में हंसराज कालेज की प्राचार्य प्रो रमा, डा बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली के साहित्य अध्ययन पीठ के डीन प्रो सत्यकेतु सांकृत, डा विजय मिश्र आदि लेखक उपस्थित रहे.