भोपाल: हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में भाषा और साहित्य से जुड़े आयोजन ग्रामीण इलाकों में भी हो रहे हैं. तखतपुर में प्रेमचंद हिंदी साहित्य समिति के तत्वावधान में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला में संगोष्ठी आयोजित किया गया. संग़ोष्ठी में राजभाषा हिंदी के महत्त्व को बताया गया.  सरस्वती वंदना पूजन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. संगोष्ठी के प्रथम सत्र में अशोक ठाकुर, हूपसिंह क्षत्रिय, रश्मि मिश्रा, जे कुजूर, उमर कुरेशी एवं समिति के महासचिव अरविंद शर्मा ने हिंदी विषय पर विचार व्यक्त किए. अजय ठाकुर ने राज्यों के विभाजन के भाषाई आधार पर प्रकाश डाला. अशोक ठाकुर ने संगोष्ठी में छात्राओं को हिंदी और बिंदी दोनों की जिम्मेदारियां निर्वहन के लिए आह्वान किया. समिति के महासचिव अरविंद शर्मा ने ‘नहीं रही अब नारी केवल पुरुषों की मोहताज रे’ और ‘हिंदी लिखना पढ़ना सुगम लागे रे’ कविता प्रस्तुत की. कार्यक्रम की अध्यक्षता टीडी वैष्णव ने की. इस अवसर पर अशोक ठाकुर, जितेन्द्र शुक्ला, गुरदीप कौर खुराना आदि ने अपने विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर बीआर सूर्यवंशी, जीडी वैष्णव, मिनाज खान, मीनाक्षी शर्मा, महेश्वरी सिंह, स्वीटी सिंह, मीनाक्षी बनर्जी, कामिनी गुप्ता, दिव्या मिश्रा, अंकित विश्वकर्मा आदि शिक्षक उपस्थित थे. उमर कुरैशी ने संचालन और प्राचार्य संतोष पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया.

इसी तरह लोरमी के स्थानीय नेहा पब्लिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रीय हिंदी दिवस समारोह आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल दास ने हिंदी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा की बिंदी भी महान है, जिसके लग जाने से हर एक शब्द शृंगारिक रूप धारण करके महान अर्थ को समझाने का काम करता है. भारत देश के सबसे अधिक बोली जाने वाले भाषा का नाम हिंदी है, जो भारतीयों को विशिष्ट पहचान दिलाती है. उन्होंने हिंदी कविता भी पढ़ी. शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ. विद्यालय की ओर से अतिथियों को स्मृति चिह्न और एक पेड़ मां के नाम पर आंवला का पौधा भेंट किया गया. कार्यक्रम में सीएल बिंझवार ने सुदामा चरित कविता का रसपान कराया. विद्यालय के संचालक सुनील लहरे ने स्वरचित ‘मैं घड़ी मेरा नाम घड़ी फुदक फुदक कर चलती हूं’ कविता पाठ से बच्चों को समय के महत्त्व को समझाया. सहायक संचालिका शशिदेवी लहरे विद्यालय की प्राचार्य प्रियंका टोंडे, शिक्षक देवेंद्र, शिक्षिका गोदावरी, हिना जायसवाल, सुजाता ध्रुव, भारती मरावी, किरण कश्यप, गीता यादव, प्रिया अहिरवार, नीलम घृतलहरे का विशेष योगदान रहा. कार्यक्रम में बच्चों ने हिंदी वर्णमाला के शब्दों का उच्चारण करके अपना प्रस्तुति दी और मानव शृंखला में हिंदी लिखा. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि लक्ष्मण साहू थे.