हिसार: गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ‘अंतर सांस्कृतिक टकराव और वैश्विक परिकल्पना की विश्व साहित्य में भूमिका‘ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रोफेसर प्रमोद कुमार मेहरा ने मुख्य व्याख्यान दिया. कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता विभागाध्यक्ष प्रो राकेश बहमनी ने की. प्रो प्रमोद मेहरा ने विश्व साहित्य में अंतर सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने और वैश्विक कल्पना को आकार देने में इसकी भूमिका का अन्वेषण किया गया. उन्होंने संस्कृतियों के बीच जटिल परस्पर क्रियाओं और साहित्य की भूमिका का अन्वेषण किया, जो सहानुभूति और समझ को बढ़ावा देता है.
प्रोफेसर मेहरा बे वैश्विक कल्पना को आकार देने में क्रास-कल्चरल एनकाउंटर्स के महत्त्व और डिजिटल युग में विश्व साहित्य को पढ़ाने की चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला. उनका कहना था कि हर नई खोज के साथ उसकी खामियां और अच्छाइयां दोनों आती हैं, यह उसके उपयोगकर्ताओं पर निर्भर करता है कि वे क्या चुनते हैं. विभागाध्यक्ष प्रो राकेश बहमनी ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य विद्वानों और विद्यार्थियों को विश्व साहित्य में नवीनतम अनुसंधान से जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करना था. विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने व्याख्यान की प्रशंसा की और इसे ‘गहन‘ और ‘विचारोत्तेजक‘ बताया. इस अवसर पर कार्यक्रम के सह-संयोजक डा जयदेव बिश्नोई, डा साक्षी जैन, डा तमन्ना व डा आस्था उपस्थित उपस्थित रहे.