सागर: स्थानीय शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती मनाई गई. मुख्य अतिथि रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय की कुलसचिव डा शक्ति जैन ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की कविता का वाचन किया. उन्होंने कहा कि छात्र एवं युवा राष्ट्रकवि की परंपरा को आगे लाएं एवं इस साहित्यिक विरासत का संवर्धन, संरक्षण करने में अपना योगदान दें. मुख्य वक्ता डा आशीष द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी को हमारे सांस्कृतिक विरासत का ज्ञान नहीं होना चिंतनीय है. साहित्य जगत में जातिवाद का प्रवेश भी बहुत बड़ी विडंबना है. हमारे महापुरुषों ने एक अखंड भारत की कल्पना की थी लेकिन वर्तमान परिदृश्य में खंड-खंड भारत का दिखाई देना एक विचारणीय प्रश्न है.
इस अवसर पर उपस्थित प्राध्यापकों ने अपने-अपने ढंग से हिंदी साहित्य में राष्ट्रकवि के योगदान को याद किया और छात्रों से यह आग्रह किया कि साहित्य की जिस विराट परंपरा को हमारे वरिष्ठ साहित्यकारों ने सींचा-संजोया था, उसे आगे बढ़ाने का दायित्व अब युवाओं के हाथ में है. सृजनात्मक प्रस्तुतियों में अनिल जैन ने स्वरचित कविता का पाठ किया. अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्राचार्य डा सरोज गुप्ता ने की. संयोजक डा रंजना मिश्रा रही. संचालन डा राना कुंजर सिंह एवं डा अभिलाषा जैन ने किया. आभार डा वसुंधरा गुप्ता ने माना. इस अवसर पर डा संगीता मुखर्जी, डा संगीता कुम्हारे, डा प्रतिभा जैन, डा अमर कुमार जैन, डा जयकुमार सोनी, डा दीपक जानसन, डा भरत शुक्ला, डा जयनारायण यादव, डा अखिलेश तिवारी आदि उपस्थित रहे.