नई दिल्लीः प्रतिष्ठित लेखक, विद्वान, संपादक, अनुवादक और साहित्य अकादेमी के पूर्व सचिव प्रोफेसर इन्द्रनाथ चौधुरी के निधन पर साहित्य जगत और साहित्य अकादेमी ने शोक जताया है. प्रोफेसर चौधुरी देश के बेहतरीन साहित्यिक प्रशासकों में से एक थे. साहित्य अकादेमी के सचिव और लंदन में नेहरू केंद्र के निदेशक के रूप में उनके कार्यकाल ने उन्हें एक उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रशासक के रूप में व्यापक पहचान दिलाई. साहित्य अकादेमी में आने से पहले, उन्होंने कुछ समय दिल्ली विश्वविद्यालय में और फिर डीबीएचपी, हैदराबाद के साथ-साथ बुखारेस्ट विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया. वे देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे. एक द्विभाषी लेखक के रूप में उन्होंने साहित्य और धर्म सहित संस्कृति के कई पहलुओं पर व्यापक रूप से लिखा, महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का अनुवाद किया और कई प्रतिष्ठित संकलनों का संपादन भी किया.
प्रोफेसर चौधुरी दो साल के लिए एडिनबर्ग नेपियर विश्वविद्यालय, एडिनबर्ग, यूके में आईसीसीआर के पहले टैगोर चेयर रहे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों और संगठनों में व्यापक रूप से व्याख्यान दिए और विभिन्न संकलनों में उनके अनेकों शोध पत्र प्रकाशित हुए. भारतीय साहित्य के मौलिक विश्वकोश को लाने, संशोधित करने और प्रकाशित करने के लिए उन्हें दुनिया भर के साहित्य प्रेमियों द्वारा हमेशा याद किया जाएगा. साहित्य अकादेमी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रोफेसर चौधरी ने भले ही अपनी नश्वर देह त्याग दी हो, लेकिन अपनी अनगिनत रचनाओं के माध्यम से वे लाखों लोगों के दिलों और यादों में जिंदा रहेंगे. साहित्य अकादेमी उनके अन्य हजारों साहित्य प्रेमियों के साथ उनके निधन पर शोक व्यक्त करती है और भारतीय साहित्य के प्रति उनकी नि:स्वार्थ और असाधारण सेवा के लिए प्रोफेसर इंद्रनाथ चौधुरी के प्रति गहरा सम्मान प्रकट करती है.