नई दिल्ली: राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत गणतंत्र दिवस समारोह 2022 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के वीरों और स्वाधीनता संघर्षों का प्रतिनिधित्व करने वाली स्क्रॉल पेंटिंग के लिए कला कुंभ-कलाकार कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है. कला कुंभ कार्यशाला का उद्देश्य भारत के विविध भौगोलिक स्थानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वदेशी एवं समकालीन दृश्य कला प्रथाओं की हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित करना है. इसमें भारतीय संविधान के रचनात्मक दृष्टांतों से भी प्रेरणा ली जाएगी, जिसमें नंदलाल बोस और उनकी टीम द्वारा चित्रित कलात्मक तत्वों ने एक विशिष्ट अनुभूति प्रदान की है. यह भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के प्रगतिशील पहलुओं का एक मूर्त रूप होगा, जिसे एनजीएमए महानिदेशक अद्वैत गडनायक की कलात्मक दृष्टि के अनुसार स्क्रॉल पर दर्शाया गया है.
भारत के स्वाधीनता संग्राम की विरासत तथा पचहत्तर मीटर के पांच स्क्रॉल पर देश के राष्ट्रीय गौरव को रचनात्मक रूप से प्रदर्शित करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन भुवनेश्वर में किया जा रहा है. देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी. यह पूरा कार्यक्रम सहयोगी प्रयासों पर केंद्रित है, इसलिए नई दिल्ली के राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय ने कलाकारों की इस कार्यशाला के लिए भुवनेश्वर में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी और सिलिकॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ हाथ मिलाया है.स्क्रॉल पर चित्रित कलाकृतियां ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल, भारत के पूर्वोत्तर हिस्सों तथा आंध्र प्रदेश की वीरता की कहानियों को दर्शाती हैं, जिसमें अनेक कलात्मक अभिव्यक्तियां हैं जो कला के स्वदेशी रूपों जैसे पट्टाचित्र, तलपत्र चित्र, मंजुसा, मधुबनी और जादुपतुआ को प्रदर्शित करती हैं. नई दिल्ली का एनजीएमए इन कार्यशालाओं को देश के अन्य हिस्सों तक पंहुचा रहा है.